दिल में इश्क़े हुसैन, हांथों में तिरंगा लिए ज़ायरीन
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। दिल में इश्क़े हुसैन हांथों में तिरंगा लेकर रवाना हुए ज़ायरीन। इराक़ के करबला शहर में रौज़ा ए मुक़द्दसा की ज़ियारत को प्रयागराज से प्रातः पांच बजे मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर रिज़वी साहब क़िब्ला की क़यादत में उन्नीस ज़ायरीनों का क़ाफला निकला जो लखनऊ एयरपोर्ट से नजफ रवाना हुआ।वहीं डॉ क़मर आब्दी के कारवाने हैदरी से भी लगभग बीस सदस्य ज़ियारत को नजफ ए अशरफ पहुंच चुके हैं। उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार शहर के साथ भारत के विभिन्न प्रान्तों और शहरों से कई हज़ार की संख्या में ज़ायरीन करबला ए मोअल्ला की सरजमीन पर पहुंचेंगे।वहीं एक आंकड़े के ऐतेबार से इस वर्ष करबला में दुनिया भर के मुल्कों से लगभग पांच करोड़ लोग करबला पहुंच चुके हैं और देशों से ज़ायरीनों की रवानगी अभी भी जारी है। एक अनुमान के मुताबिक़ इस वर्ष देश व दुनिया भर से आठ करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। ज़्यादातर भारतीय महिलाएं हिजाब लगा कर तो वहीं पुरुष काले लिबास में नज़र आए।इस वर्ष डॉ नाज़ फात्मा भी ज़ायरीनों में शामिल रहीं ।दिल में इश्क़े हुसैन और हांथों में देश की आन बान शान तिरंगा भी साथ लहराते हुए क़ाफला रवाना हुआ।
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