नफरत की संस्कृति को फैलने दिया जाए: सिब्बल
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में एक शिक्षिका द्वारा छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहे जाने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शनिवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सार्वजनिक रूप से इसकी निंदा करेंगे और शिक्षिका पर मुकदमा चलाया जाएगा या "नफरत" की संस्कृति को फैलने दिया जाएगा।
वीडियो में एक स्कूल शिक्षिका अपने छात्रों से एक लड़के को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहते हुए सुनाई देती है, जिसे वह "मुस्लिम" समुदाय के तौर पर उद्धृत करती और समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी करती सुनाई देती है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी घटना की निंदा की है। वीडियो मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव स्थित एक निजी स्कूल का बताया जाता है।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में सिब्बल ने इसे "नफरत की संस्कृति" बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक निजी स्कूल की शिक्षिका ने कक्षा में हिंदू छात्रों से एक मुस्लिम छात्र की पिटाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘यदि यह सच है, तो क्या योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) बोलेंगे? क्या मोदी जी सार्वजनिक रूप से इसकी निंदा करेंगे? क्या शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा? या 'नफरत' की संस्कृति को पनपने दिया जाएगा?’’
सिब्बल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) एक और दो सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने एक गैर-चुनावी मंच 'इंसाफ' बनाया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने भी इस घटना की निंदा की। वीडियो साझा करते हुए उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘पिछले हफ्ते, भारत में एक शिक्षक को अपनी नौकरी खोनी पड़ी, क्योंकि उसने अपने छात्रों से शिक्षित नेताओं को वोट देने के लिए कहा था। अब, उत्तर प्रदेश में एक शिक्षिका को माफी मांगने के बाद छोड़ दिया गया है, जिसने अपनी कक्षा में एक छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहा क्योंकि वह मुस्लिम था। यह घृणा अपराध है।
डब्ल्यूसीडी (महिला एवं बाल विकास) मंत्री कहां हैं, योगी का बुलडोजर कहां है?’’ घटना पर संज्ञान लेते हुए क्षेत्राधिकारी रविशंकर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "वायरल वीडियो की जांच की गई और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि स्कूल का काम पूरा नहीं करने पर बच्चे की पिटाई की गई। वीडियो में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी भी सुनी जा सकती है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई की जाएगी।’’
बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने कहा कि छात्रों के अलावा वीडियो में दो और लोग भी नजर आ रहे हैं, जिनमें से एक शिक्षक है, जबकि दूसरे व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ''दोनों व्यक्तियों के खिलाफ और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जाएगी।'' पीड़ित बच्चे और उसे पीटने वालों की धार्मिक पहचान से संबंधित सवाल पर शुक्ला ने कहा, ‘‘फिलहाल, हम यह नहीं कह सकते क्योंकि यह जांच का विषय है। हमारी टीम इसकी जांच करेगी और पुलिस ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।’’
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