प्रवर्तन निदेशालय को बंद करने का आग्रह किया
अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के रिश्वतखोरी के आरोप में संघीय जांच एजेंसी के एक सहायक निदेशक पर मामला दर्ज किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बंद करने का आग्रह किया।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में कार्रवाई से बचने के लिए शराब कारोबारी अमनदीप ढल द्वारा पांच करोड़ रुपये की कथित रिश्वत के मामले में सीबीआई ने ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय पिछले एक साल से ‘तथाकथित’ आबकारी नीति घोटाले की जांच कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘घोटाले पर प्रवर्तन निदेशालय लगातार अपने बयान बदल रहा है। कभी कहते हैं 100 करोड़ का घोटाला है, तो कभी कहते हैं 1000 करोड़ का घोटाला है।
वे मामले में धन के लेन-देन कोई सुराग ढूंढने में विफल रहे हैं।’’ सिंह ने कहा, ‘‘ईडी ‘वसूली’ विभाग है। कथित आबकारी घोटाले की जांच के नाम पर वे धन की उगाही कर रहे हैं। इस विभाग का इस्तेमाल देश के विभिन्न हिस्सों में विधायकों को तोड़ने के लिए किया जाता है। यह गुंडागर्दी का विभाग है।
सिंह ने इस बात की भी जांच की मांग की कि रिश्वत की रकम में किस-किस को हिस्सा मिला। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस पैसे में किस-किस को हिस्सा मिला। उनके पास जबरन वसूली करने का सरकार से लाइसेंस प्राप्त है।
ईडी को बंद कर देना चाहिए।’’ अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपियों के परिसरों पर छह स्थानों पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, आरोपी ईडी अधिकारियों में से कोई भी आबकारी घोटाला मामले की जांच का हिस्सा नहीं था, लेकिन छापेमारी के दौरान उनके पास से मामले से संबंधित सामग्री बरामद की गई थी।
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