27 अगस्त को मनाई जाएगी 'पुत्रदा एकादशी'
सरस्वती उपाध्याय
सनातन धर्म में एकादशी का बड़ा महत्व है। पुत्रदा एकादशी व्रत सावन महीने की शुक्ल-पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। इसे पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक सावन महीने के शुक्ल पक्ष में और दूसरा पौष मास के शुक्ल पक्ष में। इस बार सावन की पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त यानि रविवार के दिन मनाई जाएगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से निसंतान दंपतियों को सुख मिलता है। इस व्रत को भी संतान की लंबी आयु और सुखद जीवन के लिए किया जाता है। बता दें कि सालभर में कुल 24 एकादशियां होती है, लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है, तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
शुभ मुहूर्त और पारण का समय
- शुक्ल एकादशी तिथि आरंभ- 27 अगस्त 2023 को प्रात 12 बजकर 08 मिनट पर
- शुक्ल एकादशी तिथि समापन - 27 अगस्त 2023 को रात 9 बजकर 32 मिनट पर
- पुत्रदा एकादशी व्रत तिथि- 27 अगस्त 2023
- एकादशी व्रत पारण समय - 28 अगस्त 2023 को सुबह 5 बजकर 57 मिनट से सुबह 8 बजकर 31तक
महत्व
पुत्रदा एकादशी का व्रत केवल पुत्र से नहीं है, बल्कि संतान से है। संतान पुत्र भी हो सकता है और पुत्री भी। मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इसके आलावा जो व्यक्ति ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष, सब कुछ पाना चाहता है, उसे यह व्रत करना चाहिए। वहीं जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं या जिनकी पहले से संतान है और वे अपने बच्चे का सुनहरा भविष्य चाहते हैं, जीवन में उनकी खूब तरक्की चाहते हैं, उन लोगों के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं है। पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख बढ़ता है।
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