इससे फायदा ये होगा कि स्टूडेट्स को सिलेबस कवर कर परीक्षा देनी की चिंता नहीं होगी। वहीं साल में दो बार परीक्षा होने से स्टूडेंड आधा सिलेबस सही तरीके से कवर कर पाएंगे और अच्छे नंबर लानें में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके साथ ही इसका ये भी फायदा है कि भले ही यह परीक्षा साल में दो बार हो लेकिन दोनों परीक्षाओं का नंबर नहीं जोड़ा जाएगा। इसका तीसरा फायदा यह है कि दोनों में से जिस परीक्षा में भी स्टूडेंट को ज्यादा नंबर आएंगे। उस परीक्षा के नंबर को ही फाइनल नंबर माना जाएगा।
वहीं शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नई एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के अनुसार, नई एजुकेशन पॉलिसीफ्रेमवर्क लॉन्च के बाद 2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए अलग से किताबें तैयार की जाएंगी। नई एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार इसका ये फायदा है कि अब बच्चे सिर्फ क्लास 11वीं और 12वीं में कला, विज्ञान, वाणिज्य 'स्ट्रीम' के अलावा अपने पसंद के सब्जेक्ट भी पढ़ सकते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को कम से कम एक भारतीय भाषा में पढ़ाई करनी होगी।
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