यूसीसी जबरन थोपे जाने के पक्ष में नहीं: माया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के खिलाफ नहीं है। परंतु देश की विविधता को देखते हुए इसे किसी के ऊपर जबरिया थोपे जाने के पक्ष में भी नहीं है।
रविवार को राजधानी लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समान नागरिक संहिता कानून को लेकर अपने रुख की जानकारी देते हुए कहा है कि उनकी पार्टी यूसीसी का पूरी तरह से समर्थन करती है और बसपा समान नागरिकता कानून के विरोध में नहीं है।
उन्होंने कहा है कि देश में समान नागरिकता कानून बनने और उसके लागू होने से देश मजबूती प्राप्त करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी यूसीसी को किसी के ऊपर जबरिया थोपने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि समान नागििकता कानून लागू करने को लेकर आपसी सहमति का रास्ता अपनाया जाना चाहिए और इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने कहा कि भारत की विशाल आबादी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी सहित विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं जिनके अलग-अलग रस्म और रिवाज हैं। जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि अगर देश में सभी के लिए एक जैसा कानून लागू होगा तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा और इससे आपसी सौहार्द बढ़ेगा। इसीलिए संविधान में समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया है। लेकिन उसे जबरन थोपने का प्रावधान संविधान में निहित नहीं है। इसके लिए जागरुकता व आम सहमति का रास्ता अपनाया जाना चाहिए।
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