डीजल-पेट्रोल का मुनाफा जनता में बांटे सरकार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार सस्ती दर पर पेट्रोल और डीजल का आयात कर देश में उसे महंगे दाम पर बेचकर भारी मुनाफा कमा रही है और इस कमाई का फायदा देश की जनता को मिले इसलिए कीमत कम से कम 35 प्रतिशत तक की कम की जानी चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर निर्दयी तरीके से मुनाफाखोरी कर रही है और पिछले एक साल में कच्चा तेल 35 प्रतिशत तक सस्ता हुआ है लेकिन पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं घटाए गए। उन्होंने कहा “देशवासी महंगाई और बेरोज़गारी की मार झेलते हुए आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार देशवासियों की खून-पसीने की कमाई लूटने में लगी है। कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद उसका लाभ देशवासियों को देने की बजाए सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर सस्ते में ईंधन को महंगे में बेचकर मुनाफाखोरी कर रही है।
सरकार ने पेट्रोल व डीज़ल में न केवल स्वयं भयानक मुनाफ़ाख़ोरी की है, बल्कि मित्र पूँजीपतियों के भी वारे न्यारे करवाए हैं। टैक्स बढाने से पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई और गरीबों, मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों की जेब पर डाका डाला गया है। बीते एक साल में कच्चा तेल 35 प्रतिशत सस्ता हो चुका है, मगर पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं घटाए गए हैं।
” कांग्रेस नेता ने कहा “सरकारी और प्राइवेट तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीज़ल बेचने पर 10 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा का मुनाफा हो रहा है। इसके बावजूदजनता को राहत नहीं दी जा रही है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की तीन सरकारी तेल कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को मौजूदा वित्त वर्ष मे एक लाख करोड़ रुपये के करीब ऑपरेटिंग प्रॉफिट होने का अनुमान है जो बीते वर्ष के 33 हजार करोड़ रुपए से तीन गुना है।
पहली तिमाही में भी उनके रिफाइनिंग मार्जिन में इजाफे का अनुमान है। यदि सरकारी कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं तो प्राइवेट कंपनियों को भी यह भारी लाभ दिया जा रहा है।” उन्होंने कहा “इस सरकार के कार्यकाल में औसतन कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल से कम रही है।
पिछले तीन महीने से भी लगातार 70-80 डॉलर के बीच में रही लेकिन जनता के लिए पेट्रोल, डीज़ल के दाम कम नहीं किए जा रहे हैं। देश के अधिकतर हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा और डीज़ल 90 रुपए के ऊपर हैं। सरकार ने देश को महंगाई में झोंक रखा है। सब्जी, फल, मसाले समेत अन्य चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं।
सरकार जनता को कोई राहत देने की बजाय मुनाफाखोरी कर रही है।” रमेश ने कहा “केंद्र सरकार यदि देश में बढ़ रही महंगाई से राहत देना चाहे तो पेट्रोल और डीज़ल के टैक्स बंद कर पेट्रोल और डीज़ल के मूल्यों को 25-30 रुपए प्रति लीटर कम कर सकती है। सरकार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्यों में आई कमी के अनुरूप पेट्रोल- डीज़ल के मूल्यों को 35 प्रतिशत कम करनी चाहिए, ताकि देश की जनता को कमर तोड़ महंगाई से कुछ राहत मिल सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.