पूर्व भाजपा विधायक ने इच्छा मृत्यु की मांग की
कुंदन सिंह
धनबाद। झारखंड के झरिया से पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह ने धनबाद जिला सत्र न्यायालय के समक्ष इच्छा मृत्यु की मांग की है। मंगलवार को संजीव सिंह ने न्यायालय में इस संदर्भ में आवेदन दिया है। संजीव सिंह के वकील मो. जावेद ने इस बात कि पुष्टि की है। अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि मंगलवार को पूर्व विधायक संजीव सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायालय 16 में याचिका दायर की है।
संजीव सिंह फिलहाल धनबाद स्थित एसएनएमएमसीएच अस्पताल में इलाजरत है। बीती 10 जुलाई को जेल वार्ड में कुर्सी से गिर पर चोटिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें एसएनएमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गौरतलब है कि संजीव सिंह बीते 6 महीने से लगातार बीमार चल रहे हैं। तामाम दवा और इलाज के बावजूद उनका ब्लड प्रेशर स्थिर नहीं रह रहा है और रह-रहकर उन्हें बेहोशी आ जाती है। उनके लगातार गिरते स्वास्थ्य को लेकर न्यायालय ने रिम्स रांची में इलाज के लिए जेल प्रशासन को आदेश दिए हैं। लेकिन सुरक्षा कारणों से संजीव सिंह रिम्स रांची में इलाज के लिए जाने को तैयार नहीं हैं।
संजीव सिंह और उनके परिजनों का कहना है कि रिम्स रांची में उनकी जान को खतरा है। परिजनों ने न्यायालय से अपील की है कि धनबाद अथवा बाहर किसी हायर हेल्थ सेंटर में संजीव सिंह को अपने खर्च पर इलाज करवाने की अनुमति दें। परिजन बताते हैं कि संजीव सिंह जिस मामले में जेल में बंद हैं, उस केस का सूचक सत्तारूढ़ दल से जुड़ा हुआ है। ऐसे में रांची रिम्स में सरकारी तंत्र से जान का खतरा है। संजीव सिंह कि पत्नी रागिनी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि हो सकता है कि रिम्स रांची में संजीव सिंह का सही इलाज ना हो।
साल 2017 को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नीरज सिंह हत्या मामले में नीरज सिंह के चचेरे भाई और झरिया से बीजेपी के पूर्व विधायक को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। नीरज सिंह के भाई के आवेदन पर संजीव सिंह के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। जिसके बाद संजीव सिंह ने न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया था। बहरहाल पूर्व विधायक संजीव सिंह द्वारा न्यायालय में इच्छा मृत्यु की मांग किए जाने से हर कोई सकते में हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से स्वास्थ्य खराब रहने के कारण संजीव सिंह डिप्रेशन में चल रहे हैं। ऐसे में इच्छा मृत्यु की मांग पर न्यायालय अगली तारीख अपनी कोई प्रतिक्रिया देगी।
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