ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटा करेंगे
नरेश राघानी
जयपुर। रेवाडी रेलवे तकनीकी और इन्फ्रा में सुधार कर कुछ समय में दिल्ली-रेवाडी-जयपुर सेक्शन पर ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अजमेर मंडल में इसकी शुरुआत के बाद रेलवे ने अजमेर से पालनपुर सेक्शन पर स्पीड बढ़ा दी है। इसके बाद बाकी अनुभागों में भी सुधार शुरू किया जाएगा।
दिल्ली-रेवाड़ी-जयपुर होते हुए।
गुजरात और महाराष्ट्र जाने वाला रेलवे का यह खंड सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। फिलहाल इस रेलखंड पर 170 से अधिक ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। वंदे भारत भी इस ट्रैक पर आ चुकी है और अन्य स्पेशल ट्रेनों की संख्या भी लगातार बढ़ाई जा रही है। ऐसे में रेलवे की ओर से इस सेक्शन पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं। इसके तहत रेलवे द्वारा वर्षों पहले इस खंड के लिए गोल्डन कॉरिडोर प्रोजेक्ट भी तैयार किया गया था, जिसके तहत इस खंड पर ट्रेनों की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक करने की योजना है।
इसके तहत अजमेर से पालनपुर सेक्शन तक करीब 350 किमी के रूट को अपग्रेड कर यहां ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटा कर दी गई है। इसके लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी के ट्रायल और सीआरएस का सेफ्टी सर्टिफिकेट मिलने के बाद जयपुर मंडल में यह काम करने की तैयारी की जा रही है। वंदे भारत की रफ्तार फिलहाल कम अजमेर से दिल्ली कैंट के बीच संचालित वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन रेलवे प्रशासन कर रहा है।
इस ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक है, लेकिन इसके मुताबिक ट्रैक नहीं होने के कारण इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही चलाया जा रहा है। ऐसे में इस ट्रेन को अजमेर से दिल्ली तक का सफर पूरा करने में अभी भी करीब 6 घंटे का समय लगता है। ट्रैक अपग्रेड होने के बाद इसकी स्पीड बेहतर हो जाएगी, जिससे इसकी स्पीड भी 130 किमी प्रति घंटा तक हो जाएगी। इलेक्ट्रिक सेक्शन के बाद बढ़ी स्पीड दिल्ली-रेवाड़ी-जयपुर का यह रूट अजमेर तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो गया है, जिसके बाद इस रूट पर ज्यादातर ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित हो रही हैं।
इलेक्ट्रिक इंजन की गति 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है, जबकि यात्री ट्रेनों के इलेक्ट्रिक इंजन की गति 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। रेलवे की कोशिश इस स्पीड को 110 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 130 करने की है. इसके लिए सबसे जरूरी है कि ट्रैक को इसी स्पीड के हिसाब से तैयार किया जाए। इसकी शुरुआत अजमेर डिविजन में की गई थी, जिसका ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है, अब बाकी सेक्शन को भी इसी तर्ज पर अजमेर से दिल्ली तक अपग्रेड किया जाएगा।
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