दुष्कर्म और हत्या के मामलें में कांस्टेबल बर्खास्त
नरेश राघानी
जयपुर/बीकानेर। बीकानेर जिले में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामलें में परिजनों द्वारा शव नहीं लिए जाने के कारण शुक्रवार को भी गतिरोध जारी रहा। परिजनों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया है।
इधर, पुलिस प्रशासन ने मामले में कथित संलिप्तता के लिए पुलिस कांस्टेबल मनोज को बर्खास्त कर दिया है। बीकानेर के पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि गतिरोध को दूर करने के लिए खुद वह और पुलिस महानिरीक्षक तथा संभागीय आयुक्त परिजनों के साथ बैठक कर समाधान ढूंढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक वीडियो में कांस्टेबल मनोज को पीड़िता को ले जाते दिखाई देने पर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है वहीं निलंबित कांस्टेबल भागीरथ के खिलाफ जांच जारी है। दोनों कांस्टेबल पुलिस हिरासत में है, मुख्य आरोपी दिनेश बिश्नोई फरार है।
दरअसल, कांस्टेबल मनोज और दिनेश बिश्नोई दोनों का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें दोनों पीड़िता को अस्पताल में ले जाते दिख रहे हैं और फिर मौके से भाग जाते हैं। वहीं, भाजपा का एक तीन सदस्यीय दल भी खाजूवाला पहुंचा है। दल ने अस्पताल के बाहर धरना दे रहे पीड़ित परिवार के साथ बातचीत की। भाजपा दल में शामिल विधायक अनिता भदेल, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और भाजपा नेता विनीता सेठ ने पीड़ित परिजनों के साथ धरना स्थल पर बैठकर विरोध दर्ज कराया।
मेघवाल ने मीडिया से कहा कि चार दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों को नहीं पकड़ा गया है। विधायक अनिता ने कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक वह उस परिवार के साथ खड़ी हैं।
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