विद्यार्थियों के लिए वीजा नियमों में बदलाव
सुनील श्रीवास्तव
सिडनी/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे में दोनों मुल्कों के बीच कई अहम समझौते हुए जिनमें इमीग्रेशन के मुद्दे पर विशेष रूप से हस्ताक्षर हुए। ऑस्ट्रेलिया इमीग्रेशन ने भारतीय विद्यार्थियों के लिए 1 जुलाई से वीजा नियमों में कई बदलाव किए हैं। जहां अब तक सालाना 1,60,000 नए वीजा प्रदान करने का लक्ष्य था।
वहीं अब इसे बढ़ाकर 1,90,000 कर दिया गया है। ताजा एग्रीमैंट के अनुसार भारतीय छात्र जो तृतीयक शिक्षा में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं, वे अब शिक्षा पूर्ण करने के बाद बिना किसी वीजा स्पांसरशिप के आस्ट्रेलिया में 8 साल तक का वर्क परमिट हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा टैम्परेरी ग्रैजुएट सब क्लास 485 वीजा धारकों के लिए एक से दो साल के अतिरिक्त पोस्ट स्टडी वर्क राइट्स भी मिलेंगे।
पार्ट टाइम काम करने वाले अब 40 घंटे की बजाय 48 घंटे प्रति सप्ताह काम कर सकेंगे। इमीग्रेशन के इस नए पायलट प्रोग्राम को मैट्स नाम से संबोधित किया गया है। इसके तहत अत्यधिक कुशल भारतीय लोग जो आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस, एग्रीटैक, फिन टैक आदि पेशे से आते हैं, वे अब 2 साल तक का वर्क परमिट हासिल कर सकेंगे।
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