बारात में आए तीन बच्चों की ट्रेन से कटकर मौत
इकबाल अंसारी
फर्रुखाबाद। जिले के मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में बरात में आए तीन बच्चों की ट्रेन से कटकर दर्दनाक मौत हो गई। भोर में शौच को गईं गांव की महिलाओं ने शव रेलवे लाइन पर पड़े देखे। तो चीख.पुकार मच गई। इज्जतनगर.वापी स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन से हादसे की आशंका जताई जा रही है।
थाना क्षेत्र के गांव जाजपुर बंजारा निवासी रमाकांत शाक्य की पुत्री पूजा की बरात शनिवार रात करीब साढ़े 11 बजे मैनपुरी जिले के भोगांव थाने के गांव सालमपुर से आई थी। बरात में आए सालमपुर के धीरेंद्र का पुत्र रितिक 13 वर्ष, उमेश का पुत्र हरिओम 13 वर्ष व देशराज का पुत्र विनीत 15 वर्ष, गांव से गुजर रही रेल लाइन पर चले गए।
इसकी किसी को भनक नहीं लगी। रात करीब डेढ़ बजे तीनों किशोर वहां से गुजरी इज्जतनगर.वापी साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन की चपेट में आ गए। इससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। डीजे के शोरगुल में किसी को भनक भी नहीं लगी। सुबह करीब चार बजे गांव की महिलाएं रेलवे लाइन की तरफ शौच के लिए गईं।
परिजनों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार
ट्रैक पर शव पड़े देख, चीख.पुकार मच गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण और बराती एकत्रित हो गए। सूचना पर सीओ अरुण कुमार और इंस्पेक्टर अमर पाल सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। गांव में मातम पसरा है।
इकलौता पुत्र था रितिक, दो चचेरे भाई
जनपद मैनपुरी थाना भोगांव के गांव सालमपुर निवासी धीरेंद्र का रितिक 13 वर्ष इकलौता पुत्र था। धीरेंद्र मजदूरी करके परिवार का भरण.पोषण करते हैं। यही नहीं हरिओम और विनीत दोनों ही आपस में चचेरे भाई थे। यह दोनों परिजनों को बिना बताए ही बरात में चले आए। यह दोनों दोस्त होने के नाते परिवार के रितिक को भी अपने साथ ले आए थे।
बरात से 100 मीटर दूर हुई दुर्घटना
जिस स्थान पर बरात रुकी थी…..वहां से घटनास्थल की दूरी बमुश्किल 100 मीटर है। रेलवे लाइन की पोल संख्या 1300 और 1301 के बीच तीनों किशोरों के शव क्षत.विक्षत अवस्था में पड़े मिले।
गमगीन माहौल में पूरी हुई विवाह की रस्में
ट्रेन से तीन बराती किशोरों के कटने की सूचना के वक्त तक घर में भात पहनने की रस्म पूरी की जा रही थी। दुर्घटना की सूचना मिलते ही हंसी खुशी के कार्यक्रमों को रोक दिया गया। करीब तीन घंटे बाद दोबारा गमगीन माहौल में विवाह की शेष रस्में पूरी की गईं। पूरे गांव में मातम सा पसर गया।
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