14,239 अध्यापकों की सेवाएं नियमित, मंजूरी
अमित शर्मा
चंडीगढ़/मानसा। शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा लोक हितैषी फैसला लेते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने 14,239 अध्यापकों की सेवाएं नियमित करने की मंजूरी दे दी है। इनमें 6337 वे अध्यापक भी नियमित हुए हैं, जिनको राज्य के इतिहास में पहली बार तजुर्बे में राहत दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि मंत्रिमंडल ने 14,239 अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करने का फ़ैसला किया है, जो 10 साल की नौकरी पूरी कर चुके हैं या किसी कारण नौकरी में अंतर (गैप) डाल कर 10 साल की रेगुलर सेवा निभा चुके हैं।
इन 14239 अध्यापकों में से 7902 अध्यापकों ने नौकरी का 10 साल या इससे अधिक का समय पूरा किया है जबकि 6337 अध्यापक वे हैं जिनका अपरिहार्य स्थिति के कारण रेगुलर सेवा में गैप पड़ गया था। इन अध्यापकों को सरकार की नीति के मुताबिक रेगुलर वेतन, भत्ते और छुट्टियां मिलेंगी।मंत्रिमंडल ने पैरा-मेडिकल स्टाफ के 1445 पद सृजन करने के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में हाऊस डॉक्टरों के 485 पद सृजन करने की भी मंजूरी दे दी है। इस कदम का उद्देश्य लोगों को उनके घर पर मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इससे योग्य डॉक्टरों और पैरा-मैडीकल स्टाफ के लिए नौकरियों के नये मौके पैदा होंगे।
आम लोगों के साथ होती ठगी रोकने के लिए धोखेबाज़ वित्तीय संस्थाओं पर शिकंज़ा कसते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रीमंडल ने आज ‘दा पंजाब बैनिंग ऑफ अनरेग्यूलेटिड डिपॉज़ट स्कीम रूल्ज-2023’ तैयार करने के लिए हरी झंडी दे दी है। मंत्रिमंडल का यह मानना है कि बीते समय में मुल्क में वित्तीय संस्थाओं की संख्या काफी बढ़ी है, जो निवेशकों को ठगने की नीयत से अधिक ब्याज दरों या इनामों की पेशकश के द्वारा या ग़ैर-व्यावहारिक या व्यापारिक तौर पर खरा न उतरने वाले वादों के साथ लोगों को ख़ासकर मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के साथ धोखा करती हैं।
यहाँ तक कि ऐसी वित्तीय संस्थाएं लोगों की जमा पूँजी के विरुद्ध मियाद पूरी होने पर वापस पैसा देने या ब्याज अदा करने या कोई अन्य सेवा प्रदान करने से जानबूझ कर आनाकानी करती हैं और लोगों के साथ धोखा करती हैं। इसलिए राज्य में उपयुक्त कानून लाने की ज़रूरत महसूस की गई जिससे वित्तीय संस्थाओं में निवेश करने वाले लोगों के हित सुरक्षित रखे जा सकें।
मंत्रिमंडल ने साल 2021-22 से 2025-26 के समय के लिए छठे वित्त कमीशन की सिफारिशों को स्वीकृत कर लिया जिनमें कुल कर राजस्व का 3.5 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय संस्थाओं और पंचायती राज संस्थाओं को देने की व्यवस्था शामिल है। आबकारी ड्यूटी और नीलामी के पैसों के हिस्से का वितरण, स्थानीय संस्थाओं को प्रोफेशनल टेक्स के साथ समान वितरण के फार्मूले, शहरी स्थानीय संस्थाओं और पंचायती राज संस्थाओं के बीच उपरोक्त आपसी वितरण बारे सिफारिशों को भी मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकार किया गया।
पंजाब राज्य अनाज खरीद निगम लिमिटेड (पनग्रेन) की कार्यकुशलता को और बढ़ाने और राज्य में अनाज की खरीद को सुचारू बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने पंजाब नागरिक आपूर्ति़ निगम लिमिटेड (पनसप) और पंजाब एग्रो फूडग्रेन्ज़ निगम लिमिटेड (पी.ए.एफ.सी.) का पनग्रेन में विलय करने के लिए हरी झंडी दे दी है। ज़िक्रयोग्य है कि पंजाब सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की एजेंसी पनग्रेन की तरफ से भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तय नियमों और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य में गेहूं और धान की खरीद की जाती है। मंत्रिमंडल ने राज्य की जेलों में उम्र कैद काट रहे चार कैदियों की अग्रिम रिहाई की मांग का केस भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है।
संविधान की धारा 163 के अंतर्गत मंत्रिमंडल की मंज़ूरी के बाद विशेष माफी/अग्रिम रिहाई वाले ये केस भारतीय संविधान की धारा 161 अधीन पंजाब के राज्यपाल को भेजे जाएंगे। मंत्रिमंडल ने जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग की साल 2020-21 और 2021-22 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने राज्य में आवारा पशुओं की समस्या पर काबू पाने के लिए नीति तैयार करने की मंजूरी दे दी है। इससे राज्य भर में इस समस्या से और अधिक कारगर ढंग से निपटने में मदद मिलेगी। यह नीति लोगों के बड़े हितों के मद्देनज़र इस समस्या की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को जांचेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.