लोकसभा चुनाव को हल्के तौर पर नहीं लेना चाहिए
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा, कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को हल्के तौर पर नहीं लेना चाहिए। किशोर ने कहा, "मैं कर्नाटक में कांग्रेस की सफलता पर पार्टी को बधाई देता हूं।
मैं पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सावधान करना चाहता हूं कि विधानसभा चुनाव के नतीजों को यह समझने की भूल न करें कि आम चुनाव में क्या होने वाला है।" उन्होंने कहा, "2012 में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। दो साल बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने राज्य में 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल की।" उन्होंने 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों को भी याद किया जब कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा से बुरी तरह हार गई थी।
किशोर ने कहा, "कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपने सफल प्रदर्शन के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन को भी याद करना चाहिए ।" उल्लेखनीय है कि 45 वर्षीय किशोर ने नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, एम के स्टालिन और जगनमोहन रेड्डी जैसे विविध नेताओं के चुनाव अभियानों को संभाला है।
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