बसपा प्रत्याशी मुस्लिम समाज की पहली पसंद: लोनी
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। निकाय चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर पहुंचने के कगार पर है, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। कद्दावर नेताओं ने चुनावी समर में दखल शुरू कर दिया है। जिसके कारण नगर पालिका लोनी के राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं।
आप को बता दें कि चौधरी आबिद अली पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी एवं प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय मजदूर कल्याण संघ के द्वारा दिल्ली-सहारनपुर रोड स्थित कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें चौधरी आबिद अली ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बसपा की चेयरमैन प्रत्याशी चौधरी मेहरीन असद अली मुखिया को समर्थन दिया।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के खतौली से विधायक मदन भैया मुस्लिम समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। समाज को तोड़ने का भी आरोप लगाया। कहा कि राजनैतिक स्वार्थ में मुसलमानों को गुमराह करने की साजिश रचने का काम किया जा रहा है।
चौधरी आबिद अली अपनी बात कहते-कहते भावुक हो गए, उनकी आंखों के आंसुओं से द्रवित होकर वार्ता में मौजूद चौधरी असद अली मुखिया की आंखों में भी आंसू भर आए। भावना से ओतप्रोत प्रेस वार्ता में मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों में आंसू छलक गए। चौधरी आबिद अली और चौधरी असद अली मुखिया एक दूसरे से लिपट गए। यह नजारा पहले बहुत कम लोगों को देखने को मिला होगा। मुस्लिम समुदाय के हित में दिल से दुखी होने का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?
इस हृदय विदारक दृश्य को सभी पत्रकारों ने हाथों-हाथ लिया, सोशल मीडिया पर यह दृश्य बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। लोनी का प्रत्येक मुस्लिम इस दृश्य को देखने के लिए आतुर है। बड़ी तादाद में एक दूसरे को फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर शेयर किया जा रहा है। क्षेत्र के सभी मुसलमानों तक बात पहुंचाने की मुहिम चल रही है। यह मुहिम भटके हुए और घटिया लालच में फंसे हुए एक-एक मुसलमान को जगाने का काम करेगी। मुसलमानों के ठेकेदार और झूठे सरप्रस्तो को उनकी हकीकत दिखाने का काम करेगी। लोनी का मुस्लिम इतनी जल्दी एक मंच पर आ जाएगा। ऐसा किसी ने अनुमान भी नहीं लगाया होगा।
वार्ता में मौजूद हाजी अकील पूर्व बसपा प्रत्याशी विधानसभा एवं हाजी शाहिद पूर्व प्रत्याशी बसपा नगर पालिका अध्यक्ष ने सभी समाज से बसपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। मुस्लिम समाज को बेचने वाले दलालों को आईना दिखाने का मौका करार देते हुए कहा कि मुस्लिम समाज को एकजुट होना होगा। किसी "ऐरे गैरे, नत्थू खैरे" के चक्कर में हाथ आए सुनहरे मौके को गवाना नहीं है।
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