धनशोधन जांच के तहत कारोबारी जैन की संपत्ति जब्त
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने कथित हवाला कारोबारी नरेश जैन की 21 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति धनशोधन जांच के तहत जब्त की है, जिनमें फ्लैट और जमीन भी शामिल हैं। ईडी ने एक बयान में कहा कि कुल पांच अचल संपत्ति को जब्त किया गया है, जो मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा, हिमाचल प्रदेश के सोलन और गुजरात के गांधीनगर में स्थित हैं। धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किए जाने के बाद इन संपत्ति को जब्त किया गया है। इन संपत्ति का कुल मूल्य 21.31 करोड़ रुपये है।
एजेंसी का आरोप है कि नरेश जैन और अन्य ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाला संचालन किया। एजेंसी के आरोप के अनुसार नरेश जैन ने अपने सहयोगियों, करीबी लोगों, कर्मचारियों और अन्य लोगों के साथ फर्जी कंपनियों की स्थापना की। हवाला कारोबार, कर एवं विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए गोपनीय तरीके से भारत और विदेशों में नकदी के लेनदेन से संबंधित है। आरोप के अनुसार जैन ने 450 भारतीय इकाइयों और 104 विदेशी इकाइयों का गठन कर उनका संचालन किया। जैन (65) को आखिरी बार सितंबर, 2020 में गिरफ्तार किया गया था।
जैन को पिछले कुछ साल में 550 से अधिक मुखौटा कंपनियों के जरिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने उस समय आरोप लगाया था कि ऐसे कारोबार के जरिए जैन और उनके करीबी लोगों को अपराध से 565 करोड़ रुपये की आय हुई। जैन के खिलाफ धनशोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा 2018 में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
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