ताइवान के खिलाफ 'युद्ध' छेड़ने की तैयारी: चीन
डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत
ताइपे/बीजिंग। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में चीन के बुरे इरादों पर बड़ा बयान दिया है। वू ने कहा है कि चीन की तरफ से आक्रामक सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया जा रहा है। इसे अभ्यास को देखकर ऐसा लगता है कि चीनी सेना ताइवान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन अपने पहले अमेरिका दौरे पर थीं। यहां पर उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की। चीन उनके दौरे और मैक्काथी के साथ उनकी मीटिंग से चिढ़ा हुआ है। अपनी नाराजगी को बताने के लिए उसने चारों तरफ से ताइवान की घेराबंदी कर दी है।
वू ने इंटरव्यू में कहा,'सैन्य अभ्यास और उनकी बयानबाजी को देखें, तो ऐसा लगता है कि वे ताइवान के खिलाफ युद्ध शुरू करने के लिए तैयार होने की कोशिश कर रहे हैं।' वू के मुताबिक ताइवान की सरकार चीनी सैन्य खतरे को एक ऐसी चीज के रूप में देखती है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और ताइवान इसकी निंदा करता है। वू से पूछा गया कि क्या ताइवान को संभावित चीनी सैन्य कार्रवाई के समय का कोई आभास है ? इस पर वू ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अनुमान के आधार पर कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को साल 2027 तक तैयार रहने का निर्देश दिया है। वहीं वू ने ताइवान की सैन्य तैयारियों पर भी भरोसा जताया।
वू के शब्दों में, 'ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का फैसला करने से पहले चीनी नेता दो बार सोचेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह 2025 या 2027 या उससे भी आगे है, ताइवान को बस तैयार रहने की जरूरत है।' ऐसा लगता है कि पहली बार चीनी नौसेना ने ताइवान पर एयरक्राफ्ट कैरियर के जरिए फाइटर जेट्स के जरिए हमले किए हैं। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन पिछले शुक्रवार को सेंट्रल अमेरिका और अमेरिका की 10 दिनों की यात्रा से लौटी हैं। उनके लौटने के एक ही दिन बाद चीन ने अभ्यास शुरू कर दिया।
चीन, ताइवानी राष्ट्रपति को अलगाववादी नेता मानता है जिन्हें पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल है। चीन का मानना है कि वेन बाहरी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रच रही हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह दौरा ताइवान को महंगा पड़ रहा है, वू ने जवाब दिया, 'चीन यह तय नहीं कर सकता कि ताइवान कैसे दोस्त बनाता है। चीन यह भी तय नहीं कर सकता कि हमारे दोस्त ताइवान को किस तरह से समर्थन देना चाहते हैं।' अगस्त 2022 से ही दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा है। उस समय तत्कालीन अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थीं।
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