गांधी की टिप्पणी को ‘भ्रामक बयान’ करार दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को लोकतंत्र और संस्थानों की स्वतंत्रता पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी को ‘उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला भ्रामक बयान’ करार दिया। रिजिजू का यह तंज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘हर शक्ति का दुरुपयोग’ करने संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद आया।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए अंग्रेजी के प्रमुख अखबार ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित एक लेख में कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए समान विचार वाले सभी दलों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरकार भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभों... विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित तरीके से खत्म करने का काम कर रही है और उसके कदम लोकतंत्र के प्रति 'गहरे तिरस्कार' को दर्शाते हैं।
रीजीजू ने ट्विटर पर सोनिया गांधी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमती सोनिया गांधी लोकतंत्र के बारे में व्याख्यान दे रही हैं? कांग्रेस पार्टी की ओर से न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में बात करना उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला भ्रामक बयान है।’’
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