शनिवार, 29 अप्रैल 2023

शरीर के अंदर मौजूद आइटम्स को रीचार्ज करें 

शरीर के अंदर मौजूद आइटम्स को रीचार्ज करें 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। बदलते समय में वैज्ञानिक भी शोध के माध्यम से अलग-अलग तकनीक पेश कर रहे हैं। इस बीच वैज्ञानिकों ने दुनिया की पहली ऐसी बैटरी बना डाली है, जिससे आप शरीर के अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को रीचार्ज कर सकते हैं। इसके अलावा डिस्चार्ज होने के बाद आप इसे खा सकते हैं। जी हां, इस बात को जानकर हैरानी होगी, लेकिन इसे सच माना जा रहा है। 

खाने वाले पदार्थों से बनी ये बैटरी...

इस बैटरी को खाने वाले पदार्थों से बनाया गया है। ताकि इससे शरीर के अंदर कोई नुकसान हो। यह एक प्रोटोटाइप बैटरी है जिससे 0.65 वोल्ट या 12 मिनट तक 48 माइक्रोएंपीयर करंट बहता है। यानी शरीर में इस्तेमाल की जाने वाली छोटी मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को चार्ज कर सकता है। इसके बाद जब इसकी चार्जिंग खत्म हो जाएगी। तब यह अपने आप आपके पेट में घुल जाएगी। क्योंकि इसे खाने वाली चीजों से बनाया गया है।

भविष्य में खाने लायक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और सेंसर्स भी बनेंगे...

इस तकनीक को बनाने वाले का नाम है इटैलियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मॉलीक्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स के शोधकर्ता मारियो कैरोनी। इनका कहना है कि भविष्य में खाने लायक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और सेंसर्स भी बनेंगे। जिससे शरीर के अंदर फूड स्टोरेज की पूरी प्रक्रिया को देखा जा सके। इन बैटरी से बच्चों के खिलौने बना सकते हैं, जिसे अगर वो खा भी लेते हैं तो कोई परेशानी न हो।

इन खाने वाली चीजों का किया गया इस्तेमाल...

इसे बनाने में कई खाने वाली चीजों का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन बैटरी के निगेटिव हिस्से के लिए विटामिन राइबोफ्लेविन का इस्तेमाल हुआ है। जबकि पॉजिटिव हिस्से के लिए सप्लीमेंट क्वेरसेटिन का उपयोग किया गया है। इलेक्ट्रोलाइट बनाने के लिए पानी आधारित तरल पदार्थ का इस्तेमाल हुआ है। सेपरेटर के लिए नोरी का इस्तेमाल हुआ है। यह एक समुद्री वीड है। इसे आप सूशी रेस्टोरेंट में आसानी से पा जाएंगे। खाने लायक बैटरी से बिजली सप्लाई करने के लिए खाने योग्य सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि बिजली पैदा करने के लिए एक्टीवेटेड चारकोल की जरूरत पड़ती है। लेकिन ये सब शरीर के बाहर इस्तेमाल करने के लिए।

इस प्रोटोटाइप बैटरी का आकार एक वर्ग सेंटीमीटर है, लेकिन वैज्ञानिकों की टीम इसे और छोटा बनाने का काम कर रही है। मारियों ने कहा कि हम ऐसी बैटरी बनाना चाहते हैं, जो बेहद छोटी लेकिन काम की हो। शरीर को नुकसान भी न पहुंचाए। इतना ही नहीं हम भविष्य में खाने लायक रोबोट्स भी बनाएंगे। गौरतलब है कि बादाम, Capers, Activated Charcoal, Seaweed, Gold leaf और Beeswax से बनी इस बैटरी को आसानी से हज़म किया जा सकता है। इस बैटरी का इस्तेमाल हेल्थ डिवाइस में किया जा सकता है। वैज्ञानिकों की टीम इसकी कैपासिटी बढ़ाने पर काम कर रही है। 

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