'प्रेस की आजादी' के खिलाफ होने का आरोप: यूडीएफ
इकबाल अंसारी
तिरुवनंतपुरम। केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा और कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी 'यूडीएफ' ने सोमवार को राज्य विधानसभा में एक-दूसरे पर प्रेस की आजादी के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने एक प्रमुख मलयालम समाचार चैनल से जुड़े कुछ घटनाक्रम के बाद ये आरोप-प्रत्यारोप लगाए। यूडीएफ ने मलयालम समाचार चैनल के कोच्चि कार्यालय पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कथित हमले और रविवार को कोझीकोड में उसके कार्यालय पर पुलिस के कथित छापे के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सदन को स्थगित करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि प्रेस की आजादी का कोई उल्लंघन नहीं किया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी और विपक्ष ने इसके विरोध में सदन से बहिर्गमन कर दिया। स्थगन प्रस्ताव का विरोध करते हुए विजयन ने कहा कि एलडीएफ हमेशा प्रेस की आजादी के लिए लड़ा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस मीडिया की आजादी के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाचार चैनल ने ये भ्रामक खबरें प्रसारित कीं, कि राज्य के स्कूलों में कई छात्र मादक पदार्थ की गिरफ्त में हैं और उसने इस संबंध में एक नाबालिग लड़की की मर्जी के बिना उसका फर्जी वीडियो साक्षात्कार बनाया।
चैनल के कोच्चि कार्यालय पर एसएफआई कार्यकर्ताओं के कथित हमले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के समूह के अनुसार यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था लेकिन एशियानेट से मिली शिकायत के अनुसार मामला दर्ज किया गया है और आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, मामले में जांच की जा रही है। वहीं, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और कांग्रेस विधायक पी सी विष्णुनाद ने कहा कि चैनल के खिलाफ सरकार की कार्रवाई एलडीएफ की अपनी आलोचना के प्रति असहिष्णुता को दिखाती है। विपक्ष ने समाचार चैनल के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई को वाम मोर्चे की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया।
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