स्वच्छ ईंधन बनने की संभावना, प्रतिक्रिया सीमित
अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। हाइड्रोजन के स्वच्छ ईंधन बनने की संभावना को रसायनिक प्रतिक्रिया सीमित कर सकती है। ऐसी आशंका है कि इससे वायुमंडल के निचले हिस्से में मीथेन का जमाव हो सकता है। यह दावा एक नवीनतम अध्ययन में किया गया है। अध्ययन के मुताबिक ऐसा, हाइड्रोजन गैस के आसानी से वायुमंडल में मौजूद उन्हीं अणुओं से प्रतिक्रिया करने से हो सकता है, जो मूल रूप से संभावित मीथेन गैस को खंडित करने के लिए जिम्मेदार है। अमेरिका स्थित प्रिंसटन विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय संघ द्वारा किए गए अनुसंधान के मुताबिक अगर एक सीमा के बाद हाइड्रोजन का उत्सर्जन होता है जो उससे साझा प्रतिक्रिया होगी और बहुत संभव है कि वायुमंडल में मीथेन का जमाव होगा, जिसका प्रभाव दशकों तक कायम रह सकता है।
प्रिंस्टन विश्वविद्यालय के अनुसंधान पत्र के प्रथम लेखक माटेओ बर्टग्नि ने कहा, सैद्धांतिक रूप से हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। उन्होंने कहा, व्यवहार में यह कई पर्यावरण और प्रौद्योगिकी चिंताए पैदा करता है जिनका समाधान किया जाना है। वायुमंडल में मौजूद मीथेन पर हाइड्रोजन उत्सर्जन के असर पर तैयार अनुसंधान मॉडल और इसके असर को जर्नल नेचर कम्युनिकेशन में जगह दी गई है। उन्होंने बताया कि एक तय सीमा पर जीवाश्म ईंधन बदलने के बावजूद नजदीकी भविष्य में हाइड्रोजन ईंधन आधारित अर्थव्यवस्था वायुमंडल में मीथेन का स्तर बढ़ा सकती है।
अध्ययन में कहा गया कि हाइड्रोजन उत्पादन पद्धति जिसमें मीथेन इनपुट के तौर पर इस्तेमाल होता है, के बहुत अधिक नुकसान हैं। इसके साथ ही हाइड्रोजन उत्पादन में कमी और प्रबंधन को रेखांकित किया गया है। प्रिंसटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और प्रधान जांचकर्ता एमिलकेयर पोरपोराटो ने कहा, हमें हाइड्रोजन के इस्तेमाल से होने वाले असर को जानने की जरूरत है ताकि स्वच्छ ईंधन दिखने वाला हाइड्रोजन नयी पर्यावरण चुनौती पैदा नहीं करे।
उन्होंने कहा कि समस्या बड़ी मुश्किल से मापे जाने वाले अणु हाइड्रोक्सिल रैडिकल (ओएच) को लेकर है। ओएस को क्षोभमंडल का डिटर्जेंट भी कहा जाता है और वातावरण में मीथेन और ओजोन को खत्म करने में इसकी अहम भूमिका है। ओएच वातावरण में हाइड्रोजन गैस से प्रतिक्रिया करता है और रोजाना बनने वाले इन अणुओं की संख्या सीमित है, ऐसे में हाइड्रोजन के उत्सर्जन में वृद्धि होने का अभिप्राय है कि अधिक ओएच की जरूरत हाइड्रोजन तोड़ने के लिए होगी और मीथेन को खंडित करने के लिए कम ओएच मौजूद रहेंगे। अध्ययन में कहा गया कि लंबे समय से वातावरण में मीथेन का उच्च स्तर होने पर वायुमंडल में गर्मी बढ़ेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.