216 रिक्तियों के संबंध में कोई सिफारिशें नहीं मिलीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 334 पद रिक्त हैं और कॉलेजियम द्वारा की गई 118 सिफारिशें प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं, वहीं 216 रिक्तियों के संबंध में अभी कोई सिफारिशें नहीं मिलीं हैं। विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने अपने जवाब में कहा, ‘‘ 10 मार्च 2023 की स्थिति के अनुसार उच्चतम न्यायालय में कोई रिक्ति नहीं है। जहां तक उच्च न्यायालयों का संबंध है, 1,114 न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों के विरुद्ध, 780 न्यायाधीश कार्यरत है और न्यायाधीशों के 334 पद रिक्त हैं।’’ रीजीजू ने कहा, ‘‘ वर्तमान में, उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा 118 प्रस्तावों की सिफारिश की गई है, जो प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं।
उच्च न्यायालय कॉलेजियम से उच्च न्यायालयों की 216 रिक्तियों के विरुद्ध सिफारिशें अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरना एक सतत, एकीकृत और सहयोगात्मक प्रक्रिया है, जिसके लिए विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारियों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति, पदत्याग या पदोन्नति के कारण रिक्तियां पैदा होती रहती हैं और सरकार रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से शीघ्र भरने के लिए प्रतिबद्ध है।
रिजीजू ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध करती रही है कि उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय, नियुक्ति में सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यकों और महिलाओं के उपयुक्त अभ्यर्थियों पर उचित विचार किया जाए।
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