बाल कल्याण मद, आवंटन में कटौती चिंताजनक है
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के संगठन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में श्रम मंत्रालय के बाल कल्याण मद में आवंटन में कटौती चिंताजनक है और ‘‘बालश्रम व बच्चों से दुर्व्यवहार’’ के मामलों में वृद्धि हो सकती है। ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘पिछले साल की तुलना में इस साल श्रम मंत्रालय के बाल कल्याण मद में 33 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिससे संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य(एसडीजी- 2025) के अंतर्गत ‘बाल श्रम मुक्त विश्व’ के प्रयासों में बाधा आ सकती है।’’
संगठन ने यह दावा भी किया कि श्रम मंत्रालय के लिए बजट में की गई इस कटौती से बाल श्रम और बच्चों की तस्करी बढ़ सकती है। संगठन ने कहा, ‘‘यह लगातार तीसरा साल है, जब श्रम मंत्रालय के तहत बच्चों के कल्याण के लिए बजटीय आवंटन में कटौती की गई है। 2021-22 में यह आवंटन 120 करोड़ रुपये का था, 2022-23 में इसे 30 करोड़ रुपये कर दिया गया और 2023-24 में यह घटकर 20 करोड़ रुपये रह गया है।’’
‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बच्चों के लिए और ज्यादा आवंटन किये जाने की उम्मीद थी। हालांकि, बजट में बच्चों के लिए कुछ अच्छी चीजें भी हैं, लेकिन कुछ और बेहतर किया जा सकता था।’’
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