छात्रों से टैगोर की तरह मानवतावादी बनने का आग्रह
अकांशु उपाध्याय/मिनाक्षी लोढी
नई दिल्ली/शांतिनिकेतन। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्व भारती को ‘‘शिक्षा का मंदिर’’ बताते हुए शुक्रवार को संस्थान के छात्रों से इसके संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर की तरह मानवतावादी बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि टैगोर के विचार और दर्शन भारतीय समाज को प्रभावित करते रहते हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता कर रहे सिंह ने यह भी कहा कि बंगाल में ‘‘तीर्थयात्रा के दो केंद्र हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक गंगा सागर और दूसरा विश्व भारती।’’ छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘टैगोर ने हमें दिखाया था कि राष्ट्रवाद क्षेत्रीय नहीं हो सकता। यह हमारी बहुलवादी संस्कृति पर आधारित होना चाहिए।
उन्होंने बच्चों में मानवतावाद के मूल्यों को विकसित करने के लिए इस जगह की स्थापना की।’’ उन्होंने छात्रों से जीवन में उल्लेखनीय काम करने और इस बारे में सोचने का आह्वान किया कि इससे देश को कैसे फायदा हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 से युवाओं का समग्र विकास होगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक बच्चे का भविष्य उसकी परवरिश पर निर्भर करता है। टैगोर का विश्व भारती हमें दिखाता है कि यह रास्ता कैसे होना चाहिए ... जेल जैसे कमरों की सीमाओं से मुक्त, प्रकृति की गोद में।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप जीवन में जो भी बनें... वैज्ञानिक, इंजीनियर, सुधारवादी, सामाजिक वैज्ञानिक या कलाकार, आपको गुरुदेव द्वारा अपनाए गए मूल्यों को अपनाना चाहिए।’’
समाज सुधारक गोपाल कृष्ण गोखले के शब्दों ‘‘बंगाल जो आज सोचता है, भारत वह कल सोचता है’’ को याद करते हुए सिंह ने कहा कि इस कथन को फिर से साकार करने की जरूरत है और इसकी जिम्मेदारी युवाओं के ऊपर ही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं आज बंगाल में फिर से जागृति की आवश्यकता है, जिससे यह भूमि एक बार फिर पूरे देश को ज्ञान-विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में नया योगदान दे सके।
मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कवि, लेखक, संगीतकार और दार्शनिक टैगोर सामाजिक सुधारों और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से परिवर्तन लाने में विश्वास करते थे। उन्होंने कहा कि भारत आगे बढ़ने के साथ ‘‘महान मानवतावादी’’ के ‘‘मार्ग दर्शन’’ का अनुसरण कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘गुरुदेव ने भारतीय राष्ट्रवाद को मूर्त रूप दिया।
उन्होंने ही जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश शासकों द्वारा उन्हें दिया गया नाइटहुड सम्मान वापस कर दिया था।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘आज जब हमारा देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है, देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए-नए मानदंड स्थापित कर दुनिया भर में अपनी धाक जमा रहा है, ‘मेक इन इंडिया से होते हुए मेक फोर द वर्ल्ड’ की राह पर आगे बढ़ रहा है, तो निश्चित ही यह गुरुदेव की दूरदृष्टि का परिणाम है।’’
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