मोदी सरकार पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' का आरोप: रेड्डी
इकबाल अंसारी
हैदराबाद। तेलांगना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस सांसद कैप्टन एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने अडाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग दोहराते हुए मोदी सरकार पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' का आरोप लगाया है। रेड्डी ने बुधवार रात लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। उन्होंने लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अडानी समूह के साथ पक्षपात किया गया है।
उन्होंने उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि जब अहमदाबाद, लखनऊ, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम में छह हवाईअड्डों के लिए बोली लगाई गई थी, तो नीति आयोग और वित्त मंत्रालय ने अडानी समूह जैसे बोलीदाताओं पर हवाई अड्डा प्रबंधन का कोई अनुभव नहीं होने को लेकर गंभीरता से आपत्ति जताई थी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि एक कंपनी को दो से अधिक हवाई अड्डे नहीं दिए जाने चाहिए। रेड्डी ने कहा कि हालांकि, सत्ता के निर्देश पर सभी नियमों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और सभी छह हवाई अड्डे अडानी समूह को दे दिए गए। उन्होंने कहा कि अडानी को छह हवाई अड्डों को 50 साल के लिए दिया जाना, मौजूदा दिशानिर्देशों की अनदेखी है।
उन्होंने कहा कि पहले हवाई अड्डों के लिए रियायत समझौते 30 साल के लिए हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि 22 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद से अब तक गौतम अडानी को 12 पोर्ट और टर्मिनल, आठ हवाई अड्डे, 14 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस, 27 ट्रांसमिशन लाइन, हजारों मेगावाट की बिजली परियोजनाएं, रक्षा अनुबंध और कई अन्य सरकारी परियोजनाएं दी गई।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय जारी राष्ट्रपति की अधिसूचना का सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि काजीपेट में रेलवे कोच फैक्ट्री, बय्याराम में स्टील प्लांट, आदिवासी विश्वविद्यालय, बीबीनगर में एम्स, सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र (आईटीआईआर) जैसे वादों को पूरा नहीं कर भाजपा सरकार द्वारा तेलंगाना के साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा,“ आंध्र प्रदेश के लोगों की ओर से मैं विजाग स्टील प्लांट के निजीकरण के कदम को रद्द करने की मांग करता हूं।”
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