'यूट्यूब' के प्रमुख बनेंगे भारतीय-अमेरिकी मोहन
अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/लखनऊ। सुजन वोजिस्की द्वारा यूट्यूब के सीईओ का पद छोड़े जाने के बाद भारतीय-अमेरिकी नील मोहन यूट्यूब के प्रमुख बनेंगे। मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस और स्टैनफोर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है। एक्सेंचर और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में काम कर चुके मोहन 7 वर्षों से अधिक समय से यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं। नील मोहन ने कहा कि वह इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हैं और एक नए भविष्य की आशा कर रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, धन्यवाद, सुसान वोजिकी, वर्षों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है। आपने YouTube को रचनाकारों और दर्शकों के लिए एक असाधारण घर बना दिया है। मैं इस महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं। टिकटॉक और फेसबुक की रील्स जैसी शॉर्ट-फॉर्म वीडियो सेवाओं और नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा के बीच यूट्यूब के विज्ञापन राजस्व में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आई है।
बता दें कि Susan Wojcicki ने एक पत्र लिखकर अपने इस्तीफे का एलान किया। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। वे अपनी फैमिली, हेल्थ और पर्सनल प्रोजेक्ट को लेकर नया काम शुरू करेंगी।
यूट्यूब के नवनियुक्त प्रमुख नील मोहन को ट्विटर ने 2011 में नौकरी की पेशकश की थी। ट्विटर ने गूगल में कार्यरत भारतीय मूल के मोहन को अपनी प्रोडक्ट लाइन-अप में सुधार करने की पेशकश की थी। टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने नील को रुकने के लिए $100 मिलियन का स्टॉक दिया था जिसके बाद वह रुक गए थे।
भारतीय मूल के नील मोहन को यूट्यूब का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। इससे पहले शनैल ने भारतीय मूल की लीना नायर व बाटा ने संदीप कटारिया को सीईओ नियुक्त किया था। वहीं, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण और आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा भी भारतीय मूल के हैं।
जान लीजिए कौन हैं Neal Mohan?
लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद नील मोहन अमेरिका चले गए जहां उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। नील मोहन लंबे समय से सुसान वोजिकी के सहयोगी रहे, साल 2007 में DoubleClick अधिग्रहण के साथ Google में शामिल हुए।
नील मोहन को साल 2015 में YouTube में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने YouTube शॉर्ट्स, म्यूजिक और सब्सक्रिप्शन ऑफरिंग बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। इससे पहले, मोहन माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम कर चुके हैं और स्टिच फिक्स और जीनोमिक्स और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी 23andMe के बोर्ड में रहे।
मोहन ने साल 1996 में एक्सेंचर (उस समय एंडरसन कंसल्टिंग कहलाती थी) के साथ काम शुरू किया था। बाद में वह नेटग्रैविटी नामक एक स्टार्टअप में शामिल हो गए, जिसे बाद में इंटरनेट विज्ञापन फर्म डबलक्लिक द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।
सेंट फ्रांसिस स्कूल से स्टैंनफोर्ड तक तय किया सफर
नील मोहन ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से कक्षा नौ से 12 तक की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के लिए स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी चले और वहीं बस गए। कक्षा नौ में उनकी क्लास टीचर रहीं प्रो. निशी पांडेय ने क्लास ग्रुप फोटो साझा करते हुए बताया कि बैठे बच्चों के ठीक पीछे वाली पहली पंक्ति में एकदम बाएं...नील मोहन है। वह क्लास का होनहार छात्र था।
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