समझौते को अंतिम रूप, ब्रिटेन-भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति
अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/लंदन। भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार को मजबूत करार देते हुए लंदन के उप महापौर (कारोबार) राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने को लेकर ब्रिटेन और भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के पास सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, पेशेवर सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं। अग्रवाल रविवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंदौर आए हैं।
उन्होंने कहा,‘‘एफटीए को अंतिम रूप देकर द्विपक्षीय भागीदारी बढ़ाने को लेकर ब्रिटेन और भारत के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। एफटीए को लेकर दोनों तरफ से इच्छाशक्ति बहुत मजबूत है।’’अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही रक्षा, पेशेवर सेवाओं, विधिक सेवाओं, जीवन विज्ञान और नव उद्यमों (स्टार्ट-अप) के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच भागीदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच के आर्थिक रिश्तों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले लंदन शहर में भारतीय कंपनियां करीब 80,000 नौकरियां दे रही हैं, जिनमें टाटा समूह और अलग-अलग आईटी फर्म शामिल हैं।
अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के भीषण प्रकोप के दौरान भी भारतीय कंपनियों ने दुनियाभर में अपना कारोबार बढ़ाया, जो देश की आर्थिक तरक्की का सूचक है। वैश्विक मंदी की आहट पर उन्होंने कहा, ‘‘भारत का स्थानीय बाजार बहुत मजबूत है और देश की अर्थव्यवस्था तमाम झटकों को झेलने में सक्षम है। वैश्विक परिघटनाओं का हालांकि हर देश पर कुछ असर तो पड़ता ही है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत इससे (आर्थिक मंदी के खतरे से) काफी हद तक सुरक्षित है।’’ अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और दवा निर्माण में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है और यहां औद्योगिक उत्पादन की गतिविधियां भी तेज हो रही हैं।
लंदन के उप महापौर ने कहा, “पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं, क्योंकि भारत सबसे तेज रफ्तार से बढ़ती अर्थव्यवस्था और आर्थिक वृद्धि का वैश्विक इंजन है।’’ अग्रवाल ने यह भी कहा कि प्रतिभा संपन्न भारत में सरकार निवेश और उद्यमशीलता बढ़ाने में इच्छाशक्ति से लैस नजर आती है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका लोकतंत्र है और पश्चिमी देश भारत की ओर दोस्ताना नजरिया रखते हैं।’’ भारत के विकास में भारतवंशियों के योगदान को रेखांकित करते हुए लंदन के उप महापौर ने कहा कि प्रवासी भारतीय हर साल करीब 90 अरब डॉलर अपनी मातृभूमि भारत भेजते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन एकदम सटीक है कि प्रवासी भारतीय देश और विश्व के बीच एक जीवंत पुल की तरह हैं। प्रवासी भारतीय दुनिया में भारत के अनौपचारिक राजदूत हैं और वे भारत के ब्रांड को मजबूत कर रहे हैं।’’
इंदौर में जन्मे और पले-बढ़े अग्रवाल भारतीय मूल के पहले ऐसे शख्स हैं, जो लगातार दूसरी बार लंदन के उप महापौर बने हैं। उन्होंने कहा, “लंदन में भारतीय मूल के करीब 6.5 लाख लोग रहते हैं और इस शहर की राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला और संस्कृति में उनका बहुत बड़ा योगदान है।” अग्रवाल ने कहा कि उनका गृहनगर इंदौर भारत के सबसे साफ शहर के रूप में पहले ही अपनी वैश्विक पहचान बना चुका है और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर में सोयाबीन, मोटे अनाज और डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण में निवेश की काफी संभावनाएं भी हैं।
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