बागपत: पुत्र ने बेल्ट से गला घोट कर मां की हत्या की
संस्कार हीन बेटे ने मां को उतारा मौत के घाट
गोपीचंद
बागपत। एक पुत्र ने बेल्ट से गला घोंट कर अपनी माँ की हत्या की। बचाने आए पिता पर भी हमला किया। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बड़ौत नगर की आवास-विकास कॉलोनी में आपसी कहासुनी को लेकर हुए विवाद में रजत ने अपनी बेल्ट से गला घोट कर अपनी मां की हत्या कर दी और विरोध कर रहे पिता पर भी हमला कर दिया। घटना की सूचना पिता एडवोकेट जितेंद्र सोलंकी की चूकना पर बड़ौत थाना प्रभारी निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और कातिल पुत्र को अग्रिम करवाही हेतु गिरफ्तार किया।
आज की जीवनशैली में इस प्रकार की घटनाएं समाजी जीवन में हुए नैतिकता और सद संस्कारों के पतन का एक बहुत बड़ा कारण बना हुआ। आज की युवा पीढ़ी संस्कारहीन व अनैतिकता के दल-दल में धशी जा रही है। बिना संस्कारों के मानवता का विकास कैसे हो ? शिक्षा के साथ नैतिकता और संस्कार सामाजिक जीवन का मुख्य आधार है, जो वर्तमान में निराधार है।
व्यक्ति का जीवन मूल्य उसके व्यक्तित्व पर आधारी हैं और व्यक्तित्व का विकास उसके संस्कार और कर्म पर आधारित है। आज के समय में आपसी संबंधों में अपराधिक घटनाएं संस्कारहीनता और नैतिकता के पतन के कारण ही निरंतर बढ़ती जा रही हैं। एक मात्र संस्कार ही मानवता का ऐसा अहम एवं अमूल्य भाग है, जिसके जरिए मानव अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। उसके साथ-साथ ही शिक्षा भी मानवता का ऐसा अहम भाग है, जो हमेशा सही राह पर चलने की सलाह देता है।
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