लोनी: जंगलराज में तब्दील 'पुलिस का खास किरदार'
गाजियाबाद। प्रदेश में भाजपा की सरकार जन-विकास के कार्यों में तत्पर कार्यरत है। जन-समस्याओं पर दिन-रात कार्य कर रही है। प्रदेश की ज्यादातर विधानसभाओं में विधायक और सरकार के अनुयायियों के द्वारा क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण पर पूरा फोकस किया हुआ है। लेकिन, लोनी विधानसभा क्षेत्र मेंं स्थानीय पुलिस क्षेत्र में जंगलराज कायम करने पर अमादा है। गौरतलब हो, थाना लोनी में कार्यरत थाना प्रभारी अजय चौधरी जनपद गाजियाबाद के सभी निरीक्षकों में से सबसे बेहतरीन पुलिस अधिकारी हैं। कर्तव्य परायणता और निष्ठा की किसी अन्य से तुलना करना सरासर बेईमानी होगी। थाना अंतर्गत लगभग 200 मीट की अवैध दुकानों का संचालन इस बात का प्रमाण है। थाने को काले अंधेरे की तरह बना दिया है और पुलिस अधिकारी अपना कर्तव्य पूरी शिद्दत से नहीं कर रहे हैं। अवैध व्यापार का गढ़ बन गया है लोनी कोतवाली...।
आपको खास बात बता दे, इस वाक्य के बाद शायद आप लोग अपनी उंगली दांतो के तले न दबा लें। जी हां, जीहुजूरी करना अपने बस की बात नहीं है। लेकिन, 'सच' जिसका सीधा संबंध जनता से है। उसे जनता तक पहुंचाने के लिए 'यूनिवर्सल एक्सप्रेस' संकल्पबद्ध है। दिल्ली-सहारनपुर रोड स्थित शांति नगर गेट के पास मैक्स डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन किया जाता है। जहां पंजीकृत चिकित्सक के स्थान पर अयोग्य चिकित्सक जनता के अल्ट्रासाउंड करके गलत रिपोर्ट मरीज को देते हैं। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर, जनता की जान का जोखिम बने इस डायग्नोस्टिक सेंटर का स्टिंग कर, अवैध चिकित्सा परीक्षण को कैमरे में कैद कर लिया गया। अगले दिन 13 दिसंबर 2022 को प्रकरण के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में लिखित शिकायत कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई। विभाग के द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. चरण सिंह से क्षेत्र में अवैध चिकित्सा परीक्षण केंद्रों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई। अगले दिन 14 दिसंबर 2022 को थाना लोनी प्रभारी अजय चौधरी के द्वारा पत्रकारों के विरुद्ध रंगदारी का मुकदमा कायम कर, त्वरित कार्रवाई की गई।
आखिर इतनी भी क्या जल्दी थी, कि प्रकरण की आवश्यक जांच करने की जहमत भी उठाना मुनासिव नहीं समझा। हो सकता है, कि किसी आका का दवाब हो या मुंह मांगी रकम मिली हो ? बहरहाल, कहानी कुछ भी रहीं हो ? जनता के स्वास्थ्य के साथ आज भी मजाक किया जा रहा है। जिस जनता की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से मोटी तनख्वाह प्राप्त होती है। उस जनता के प्रति समर्पण की कसम तो नहीं भूलनी चाहिए।
माना, कि पुलिस भोले-भाले आदमी को झूठे मुकदमें में जेल भेज देती है। पुलिस की प्रताड़ना और यातना, मानो उसके भाग्य में भगवान 'महादेव' ने लिखीं हो...! लेकिन, हर बार ऐसा ही होगा, यह गलतफहमी भी हो सकती है ? निजी स्वार्थ में अत्याचार कर, किसी को पीड़ा पहुंचाना 'मानवता' के विरुद्ध है। लोनी में 'बदमाशों का हाहाकार' हुआ करता था। आज सभी कार्य पुलिस ने अपने हाथों में ले लिए हैं। लोनी को एक बार फिर 'जंगलराज' में तब्दील करने का कार्य स्थानीय पुलिस बड़ी शिद्दत से कर रही है।
चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'
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