कानून बनाने और नकल कराने वालों की संपत्ति कुर्क
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में एक के बाद एक पेपर लीक होने से असहज राज्य सरकार ने प्रदेश में नकल रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाने और नकल कराने वालों की संपत्ति कुर्क करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आपात बैठक में मुख्य रूप से जोशीमठ में आई आपदा और पेपर लीक मामले पर फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में हुए पेपर लीक मामले को लेकर देश का सबसे सख्त कानून बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही लेखपाल परीक्षा दोबारा आयोजित करवाने का फैसला लिया गया। इस बार पुराने अभ्यर्थियों को सरकारी बसों में किराया नहीं देना होगा, उनका एडमिट कार्ड ही उनका पास होगा।
धामी सरकार ने युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के मामले पर उम्र कैद की सजा देने का निर्णय लिया है। अगली कैबिनेट में इसे लेकर सख्त कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही ऐसे मामलों से जुड़े लोगों की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान भी कानून में रखा जाएगा। कैबिनेट में नकल रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाये जाने का भी फैसला किया गया है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा दोबारा से आयोजित करवाई जाएगी।
जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा, न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा। अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका यूटीसी की बसों में टिकट माना जाएगा। कैबिनेट की आपात बैठक में साथ ही प्रभावित परिवारों को 4000 की जगह ₹5000 किराया दिये जाने पर भी फैसला हुआ है। प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए पांच जगहें चयनित की गई हैं, सभी जगहों का भूगर्भीय सर्वे करवाया जाएगा। राहत शिविरों में प्रतिदिन ₹950 अधिकतम किराया दिया जाएगा, डैमेज एसेसमेंट और सर्वे के आधार पर मुआवजा पैकेज तैयार करने पर भी सरकार काम कर रही है। जिन परिवारों का विस्थापन व पुनर्वास किया जाना है, उनको मजदूरी दी जाएगी। विस्थापन के लिए ₹15,000 प्रति जानवर और बड़े पशु के लिए ₹80 और छोटे पशुओं के लिए प्रतिदिन ₹45 दिए जाएंगे।
जोशीमठ वासियों का छह महीने का बिजली पानी बिल माफ: इसके साथ ही कैबिनेट की आपात बैठक में नवंबर महीने से अगले 6 महीने तक के लिए बिजली पानी के बिल को माफ किया गया है। सरकारी बैंक से लिए गए लोन को अगले 1 साल तक ना भरने की छूट दी जाएगी। बैठक में शामिल सभी मंत्रियों ने अपने एक माह का वेतन देने का निर्णय लिया हैं, जोशीमठ के भू धंसाव के कारणों को जानने के लिए आठ इंस्टीट्यूट सर्वे कर रहे हैं। सभी इंस्टीट्यूट की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सरकार कमेटी बनाएगी। कमेटी सभी के सर्वे रिपोर्ट पर आगे का निर्णय लेगी।
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