जिलाधिकारी ने कहा कि अभी तक इस अभियान के तहत जनपद में कुल 75 निराश्रित गोवंशों को गो-आश्रय स्थल पहुंचाया जा चुका है। आगामी 3 दिनों में अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। जिससे सभी निराश्रित गोवंशों को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जा सके। जिलाधिकारी ने नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, खंड विकास अधिकारी और पशुपालन विभाग आपसी समन्वय से समेकित प्रयास कर अभियान को सफल बनाने का निर्देश दिया।
समीक्षा बैठक में पशुचिकित्सा अधिकारी पीएन सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि जनपद के समस्त गो-आश्रय स्थलों में वर्तमान में 1266 गोवंश संरक्षित हैं। जिन्हें ठंड से बचाव हेतु पशुपालन विभाग द्वारा काऊ कोट उपलब्ध करा दिया गया है। साथ ही ठंडी हवा और शीत से बचाव के लिए तिरपाल की व्यवस्था भी सभी गो-आश्रय स्थलों पर कर ली गई है। जिलाधिकारी ने सभी 11 नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों और सभी 16 ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थापित गो-आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण कर ठंड से बचाव के लिए की गई व्यवस्था का जायज़ा लेते रहने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी गो आश्रय स्थलों पर हरे चारे-भूसे और पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। सभी गो-आश्रय स्थलों पर चौकीदारों की तैनाती तथा पशु-चिकित्सकों द्वारा नियमित अंतराल पर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये। समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम गुंजन द्विवेदी, एसडीएम सौरभ सिंह, एसडीएम ध्रुव कुमार शुक्ला, एसडीएम संजीव उपाध्याय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।