एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की
सभी स्वास्थ्य इकइयो के आस पास तम्बाकू बिक्री निषेध
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत संपन्न हुई कार्यशाला
जनपद को तम्बाकू नशा मुक्त बनाने की मुहीम में सभी का साथ आवश्यक: सीएमओ
कौशाम्बी। जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की। इसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि जनपद को तम्बाकू नशा मुक्त बनाने की मुहिम में सभी का साथ आवश्यक है। इसी क्रम में यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला के दौरान जिला स्तरीय हेल्थ प्रोफेशनल की क्षमता वृद्धि की गई। उन्होंने कार्यशाला में आए हुए समस्त स्वास्थ्य इकाइयों के प्रभारियों, सीएचओ एवं स्टाफ नर्स को बताया गया कि कोटपा अधिनियम 2003 का कैसे अनुपालन किया जाए।
उन्होंने चिंता व्यक्त किया कि हमारी युवा पीढ़ी दिन प्रतिदिन इस नशे के गिरफ्त में आ रही है। प्रतिदिन करीब 5500 युवा तम्बाकू का सेवन कर रहा है। साथ ही हमारे बच्चे भी इससे बच नहीं पा रहे हैंI नशा एक ऐसी बीमारी हैं जो धीरे धीरे इन्सान को ख़त्म करती हैं। यह धन हानि के साथ स्वास्थ्य पर बुरा असर करता है। नोडल अधिकारी डॉक्टर के०डी० सिंह ने समस्त उपस्थित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोटपा अधिनियम 2003 के बारे मे बताते हुए कहा कि तम्बाकू से होने वाली बीमारियों मे से प्रमुख रूप से मुख का कैंसर और शरीर मे होने वाले हानियों को के बारे मे विस्तार से बताया तथा तम्बाकू के दुष्प्रभावो की जानकारी दी और उससे होने बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि हमारा युवा इसकी गिरफ्त में लगातार होता चला जा रहा है। युवाओं के मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होता जा रहा है। इसको रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। जिसमें स्वास्थ्य इकाइयों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
पुनीत श्रीवास्तव रीजनल कोआर्डिनेटर, उ.प्र वॉलेन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन ने सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा 2003 की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोटपा अधिनियम की धारा 4 में जिले के सार्वजनिक स्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित करने के लिए साइनेज लगाना अनिवार्य है। समस्त स्वास्थ्य इकाइयों के समस्त प्रवेश द्वारो पर धारा 4 का साइनेज कोटपा अधिनियम का अनुपालन किया जाए इसी प्रकार धारा 6 बी के तहत के प्रवेश द्वार पर भी तम्बाकू मुक्त का लगाना अनिवार्य है। साथ ही स्कूल के 100 गज के अन्दर तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। इसी प्रकार धारा 6ए में 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू बेचना या उसके द्वारा तंबाकू बिकवाना दोनों ही अपराध माना जाता है। इस अपराध में 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। धारा 7 के अंतर्गत बिना वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू उत्पात नहीं बेचा जा सकता है। उन्होंने धारा 5 और 7 के बारे में भी पूरी जानकारी दी।
कार्यशाला में समस्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उप चिकित्सा अधिकारी , पैरा मेडिकल स्टाफ, जिला कार्यक्रम समन्यवक विष्णु गुप्ता एवं जिला कार्यक्रम सहायक वैभव कुमार सिंह द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्य तथा लक्ष्यों के बारे में उदाहरणार्थ जागरूकता कानून का परिपालन तथा निगरानी पर विशेष चर्चा की गई।
सुशील केसरवानी
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