ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण
अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर
नई दिल्ली/इंदौर। देश की पहली ट्रांसजेंडर जज जोइता मंडल ने एमपी में एक कार्यक्रम में कहा, ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग आरक्षण के जरिए पुलिस और रेलवे जैसी सरकारी नौकरियों में आएंगे तो न सिर्फ यह समुदाय आगे बढ़ेगा। बल्कि समुदाय के प्रति समाज की सोच भी बदलेगी।
देश की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश जोयिता मंडल ने तीसरे लिंग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की जरूरत पर शुक्रवार को बल दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस और रेलवे जैसे सरकारी महकमों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की नियुक्तियों से समाज में काफी सकारात्मक बदलाव होगा।
मंडल ने इंदौर में संस्कृति और साहित्य महोत्सव लिट चौक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी रोजगारों में आरक्षण दिया जाना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर मेरे पास काम नहीं होगा, तो मुझे खाना कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग आरक्षण के जरिये पुलिस और रेलवे जैसे सरकारी महकमों में आएंगे तो न केवल यह समुदाय आगे बढ़ेगा, बल्कि समुदाय के प्रति समाज की सोच भी बदलेगी।
मंडल ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए देश भर में पर्याप्त संख्या में आश्रय स्थलों की आवश्यकता है और समुदाय के भले के लिए केंद्रीय स्तर पर बेहतर योजनाएं शुरू होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है। गौरतलब है कि मंडल को वर्ष 2017 के दौरान पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
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