दिव्यांगों के समूह ने 'भारत जोड़ो यात्रा' में हिस्सा लिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/सुसनेर। अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर व्हीलचेयर से चलने वाले दिव्यांगों के एक समूह ने शनिवार को राहुल गांधी की अगुवाई वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' में हिस्सा लिया। गांधी की पदयात्रा शनिवार को मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से होकर गुजरी। यह यात्रा रविवार को राजस्थान में प्रवेश करेगी। प्रदेश कांग्रेस के दिव्यांग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उज्जवल मोटवानी ने बताया कि रास्ते में वह विकलांगों के एक समूह के साथ 15-20 मिनट तक चले और उनसे बातचीत की। मोटवानी ने कहा, ‘‘हमने दिव्यांग लोगों की नौकरी का मामला उठाया ताकि हम अपने दम पर कमा सकें क्योंकि जीवन यापन की लागत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।’’
प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बलराम गुर्जर ने कहा कि उन्होंने गांधी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सांसद-विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का पांच प्रतिशत विशेष रुप से विकलांग व्यक्तियों के कल्याण पर खर्च किया जाए, जैसा कि नियमों द्वारा प्रदान किया गया है। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए नौकरियों में अधिक आरक्षण की भी मांग की।
गुर्जर ने कहा कि गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इन मांगों पर विचार करेंगे। हालांकि, कुछ अन्य दिव्यांग भी थे जो कांग्रेस नेता के चारों ओर सुरक्षा घेरा होने के कारण उनसे नहीं मिल सके। कुछ साल पहले राजीव गांधी फाउंडेशन की ओर से राहुल गांधी के माध्यम से एक विशेष स्कूटर पाने वाले मुकेश चौहान ने कहा कि उन्होंने गांधी से मिलने के लिए नागदा-खाचरोद से उसी स्कूटर पर लगभग 125 किमी की यात्रा की।
उन्होंने कहा कि वह पिछले दो दिनों से गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो सके हैं। इस बीच, मोटवानी ने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता से कहा कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों, विशेष रूप से उनसे संबंधित मामलों से निपटने के लिए एक विशेष मजिस्ट्रेट के प्रावधान को लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए विशेष कानून हैं, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है और न ही वे इसके प्रति संवेदनशील हैं। मध्यप्रदेश में यात्रा का यह 11वां दिन था। पैदल मार्च सुबह करीब छह बजे महुडिया गांव से शुरू हुआ। सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा का यह 87वां दिन भी था।
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