राजस्थान का पड़ाव समाप्त होने पर राहत की सांस ली
अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी
नई दिल्ली/अलवर। भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान का पड़ाव बुधवार को समाप्त होने पर कांग्रेस ने राहत की सांस ली होगी। क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके चिर प्रतिंद्वद्वी माने जाने वाले सचिन पायलट के समर्थकों के बीच कोई टकराव हुए बिना राज्य में यह यात्रा संपन्न हुई। हालांकि, समर्थकों ने सड़कों पर नारेबाजी जरूर की थी। राजस्थान में यात्रा के करीब 500 किलोमीटर के रास्ते में पायलट के गढ़ माने जाने वाले कई इलाके आए और पदयात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ा जिनमें से कई उनके युवा समर्थक शामिल थे।
इन युवा समर्थकों ने हमारा सीएम कैसा हो, सचिन पायलट जैसा हो और आई लव यू, आई लव यू, सचिन पायलट, आई लव यू जैसे नारे लगाए। पायलट ने खुद ज्यादातर वक्त राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की और कुछ मौकों पर उन्हें अपने समर्थकों को उनके समर्थन में नारे नहीं लगाने के लिए कहते हुए भी देखा गया। गहलोत ने भी यात्रा में नियमित रूप से भाग लिया। खासतौर से राज्य में यात्रा के सुबह के सत्र के दौरान उन्हें अक्सर पदयात्रा करते हुए देखा गया। कुछ स्थानों पर गहलोत के समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे भी लगाए और राज्य में उनके सुशासन का जिक्र किया।
यात्रा के 100 दिन पूर होने के मौके पर दौसा की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ा और कई लोग अपने घरों की छत पर खड़े होकर गांधी, गहलोत और पायलट का उत्साह बढ़ाते दिखे। दौसा पायलट का गढ़ रहा है जहां बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को यह कहते हुए सुना गया कि राज्य की बागडोर पायलट के हाथ में सौंपी जाए और केवल वही 2023 में कांग्रेस को सत्ता में वापस ला सकते हैं। गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट और उनके पिता दिवंगत राजेश पायलट दौसा से संसद में निर्वाचित होते रहे हैं।
दौसा में यात्रा में भाग ले रहे सुमेश गुर्जर ने कहा, अंदरुनी कलह पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस को निर्णय लेना चाहिए और अगर पायलट को सम्मान नहीं दिया गया तो पार्टी 2023 के विधानसभा चुनावों में मुश्किल में आ जाएगी। दौसा में गुर्जर समुदाय के एक अन्य व्यक्ति ने पायलट के संदर्भ में कहा कि अब वक्त आ गया है कि युवा कमान संभाले और कांग्रेस को युवाओं का समर्थन करना चाहिए। यह यात्रा उन इलाकों से नहीं गुजरी जिन्हें पारंपरिक रूप से गहलोत का गढ़ माना जाता है।
जयपुर में कैब चालक कृपा शंकर ने कहा कि कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में लौट सकती है लेकिन इसके लिए उसे गहलोत-पायलट के झगड़े को खत्म करना होगा। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी थे जिनका मानना है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर जोर पकड़ रही है। अलवर में प्याज की खेती करने वाले नवीन कुमार ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। यात्रा ने गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी में अस्थायी रूप से विराम लगाया है लेकिन ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पार्टी आलाकमान ने इस मसले का हल नहीं निकाला तो भविष्य में यह विवाद फिर बढ़ सकता है।
पिछले सप्ताह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा था, सब कुछ सुचारू रूप से हल कर लिया जाएगा और पार्टी राज्य में पूरी तरह एकजुट है। गौरतलब है कि पिछले महीने गहलोत द्वारा पायलट को गद्दार बताए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। पायलट ने इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि इतने अनुभवी किसी व्यक्ति को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता और ऐसे वक्त में इस तरह कीचड़ उछालने से कोई फायदा नहीं मिलेगा जब ध्यान यात्रा पर केंद्रित होना चाहिए।
भारत जोड़ो यात्रा आज सुबह राजस्थान से हरियाणा में प्रवेश कर गयी। यात्रा ने पांच दिसंबर को मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश किया था। यह झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिलों से गुजरी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.