60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचेगा 'सोना'
अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग
नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय बाजार में नए साल में अधिक निवेशकों के सुरक्षित संपत्ति की ओर बढ़ने से 2023 में सोने की कीमत 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें मार्च में 2,070 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर से नवंबर में 1,616 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर तक आ गयी और उसके बाद से इसमें सुधार हो रहा है। 2022 की शुरुआत में सोने की कीमत करीब 1,800 डॉलर प्रति औंस थी।
इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस बहुमूल्य धातु की कीमत 1,803 डॉलर प्रति औंस है। जिंस बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) पर सोना 54,790 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जब रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 83 के करीब है। भविष्य में भू-राजनीतिक स्थिति, मंदी की चिंता, मुद्रास्फीति के रुझान और क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए कम मांग जैसे कई कारकों से सोने की कीमतों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अनिश्चित समय में सोना को हमेशा एक सुरक्षित पूंजी माना जाता है। कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और जिंस शोध के प्रमुख रविंद्र वी राव ने बताया, अगले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के सकारात्मक रुझान के साथ 1,670-2,000 डॉलर के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
एमसीएक्स पर सोना 48,500-60,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकता है। हालांकि 2023 में सोने की मांग लचीली होने की संभावना है। राव ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर को और सख्त करने से अगले साल की पहली तिमाही में सोने की कीमतों पर गहरा असर पड़ सकता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते सोने की कीमतों में अल्पकालिक वृद्धि हुई।उन्होंने कहा कि वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति को प्रबंधित करने के लिए फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, जिससे सोने के लिए धारणा प्रभावित हुई। एमसीएक्स पर साल की शुरुआत में सोने का भाव 47,850 रुपये प्रति 10 ग्राम था और फिर मार्च में 55,680 रुपये प्रति 10 ग्राम के शिखर पर पहुंच गया। सितंबर में यह 48,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर आ गया।
विशेषज्ञों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कम से कम 1,885 डॉलर और एमसीएक्स में 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का भाव आने की उम्मीद है। कोई भी नया भू-राजनीतिक तनाव कीमतों को और बढ़ा सकता है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन आशीष पेठे ने कहा, 2022 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में सोने और सोने के आभूषणों की मांग में जोरदार वापसी हुई है। सोने की कीमत में बढ़ोतरी का असर खुदरा काउंटरों पर पड़ा है। अगर सोने की दरें स्थिर हो जाती हैं तो आने वाले साल में अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
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