भगवान 'श्रीकृष्ण' की बाल लीला का वर्णन किया
उमर सिंह
अयोध्या। नगर निगम परिसर स्थित लेडीज क्लब में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन भागवताचार्य हितेंद्र कृष्ण महाराज (श्रीधाम वृन्दावन) ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया। महाराज श्री ने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में आगे आना चाहिए। मानव जब इस संसार में जन्म लेता है तो चार व्याधि उत्पन्न होती हैं। रोग, शोक, वृद्धापन और मौत मानव इन्हीं चार व्याधियों से धीर कर इस मायारूपी संसार से विदा लेता है। सांसारिक बंधन में जितना बंधोगे उतना ही पाप के नजदीक पहुंचेगा। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाओ तभी जीवन रूपी नैय्या पार होगी। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है।
इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख. पतन, विकृतियों का अम्बार लगा हुआ है। ऐसे में समाज को युग के अनुरूप दिशा चिंतन, व्यवहार, परमार्थ के लिए श्रीमद्भागवत जरूरी है। साथ ही महाराज जी ने बताया की श्रीकृष्ण हमे शिक्षा देते हैं की जीवन जीना केसे है।
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