'जांच' का पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली लोकायुक्त को और अधिक अधिकार प्रदान करते हुए उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने भ्रष्टाचार-रोधी निकाय की जांच संबंधी आवश्यकताओं में मदद के लिए निदेशक (जांच) का पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली लोकायुक्त का कार्यालय जांच और नियमित कार्य सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए कर्मचारियों की कमी के कारण शुरुआत से ही ‘गंभीर रूप से पंगु’ था। सार्वजनिक पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतों की पड़ताल के लिए अनिवार्य इस निकाय में सहायक और चतुर्थ वर्ग कर्मी जैसे कर्मचारी तो हैं लेकिन यहां जांच प्रभारी मौजूद नहीं हैं।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दैनिक कामकाज के लिए आवश्यक सहायकों और चपरासी के अलावा निदेशक (जांच) का पद सृजित करने के लिए लोकायुक्त के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इस पद का नेतृत्व वरिष्ठ व्यक्ति करेगा।’
इससे पहले दिल्ली विधानसभा में पेश करने के लिए लोकायुक्त की वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी देते हुए सक्सेना ने मुख्यमंत्री को लोकपाल की जरूरतें पूरी करने की सलाह दी थी। अधिकारियों ने कहा कि लोकायुक्त की रिपोर्ट लगातार इस बात को रेखांकित करती रही है कि इसके सुचारू और कुशल कामकाज में कई ‘‘अवरोध और बाधाएं’’ थीं, जिसमें पर्याप्त कर्मचारियों की कमी भी शामिल थी।
उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इनमें से कुछ बाधाएं वित्तीय स्वायत्तता और पर्याप्त कर्मचारियों की कमी के कारण ‘‘लोकायुक्त की स्वतंत्रता’’ से संबंधित थीं। लोकायुक्त ने समय-समय पर जांच उद्देश्यों के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की आवश्यकता की ओर इशारा किया था। अधिकारियों ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए निकाय में फिलहाल एक सहायक निदेशक (जांच) है।
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