पूर्व पीएम इमरान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज, आदेश
अखिलेश पांडेय
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब पुलिस प्रमुख फैसल शाहकर को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमले की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने हमले की प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने पर स्वत: संज्ञान लेने की चेतावनी दी।
गौरतलब है कि पीटीआई के अध्यक्ष खान तीन नवंबर को पंजाब के वजीराबाद में पार्टी के एक लाॅन्ग मार्च का नेतृत्व करने के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे। इस हमले में पीटीआई के एक समर्थक मौज्जाम नवाज की मौत हो गयी, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री सहित अन्य 14 घायल हो गये थे। शीर्ष अदालत के 25 मई के आदेश का उल्लंघन करने के लिए इमरान के खिलाफ आंतरिक मंत्रालय द्वारा दायर एक अवमानना याचिका की सुनवाई में यह मामला उठाया गया था, जिसने उस समय इस्लामाबाद में पार्टी की ‘आजादी मार्च’ की सभा की सीमा के बारे में बताया था।
मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने पंजाब के महानिरीक्षक (आईजी) से यह भी पूछा कि प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई, जो वीडियो लिंक के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की लाहौर रजिस्ट्री से सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा,“ हमें बताएं कि प्राथमिकी कब दर्ज की जाएगी। ” उन्होंने प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का ठोस कारण भी जानना चाहा। मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा, “ हमला हुए 90 घंटे हो चुके हैं और फिर भी इस मामले पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, आखिर क्यों। इसके बिना जांच कैसे शुरू होगी और बिना प्राथमिकी के सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ की जा सकती है। ”
पुलिस महानिदेशक शाहकर ने पंजाब सरकार से अलग हटने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री परवेज इलाही के नेतृत्व में प्रांत में मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के साथ काम करने से इनकार कर दिया है। पुलिस महानिदेशक ने अदालत को अवगत कराया, “ हमने प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री से बात की है और उन्होंने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं। ''
उन्होंने कहा कि इस हमले में मारे गए व्यक्ति के वारिसों की शिकायत पर भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। पुलिस महानिदेशक शाहकर ने टिप्पणी की कि पंजाब में चार साल में आठ आईजी बदले गए हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ हमें यह मत बताओ कि पुलिस के पास क्या विकल्प हैं … आपराधिक न्याय प्रणाली और न्याय दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कानून के अनुसार काम करें, अदालत आपके साथ है। ” उन्होंने कहा, “आईजी साहब, आप अपना काम करो। अगर कोई हस्तक्षेप करता है, तो अदालत उनके काम में हस्तक्षेप करेगी। ” प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर स्वत: संज्ञान लेने की चेतावनी देते हुए मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा,“ आईजी साहब, आप स्वत: संज्ञान लेने वाली नोटिस में जवाबदेह होंगे। ”
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