देशमुख की याचिका, 2 दिसंबर तक स्थगित सुनवाई
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर बम्बई उच्च न्यायालय ने सुनवाई मंगलवार को दो दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। देशमुख के खिलाफ यह मामला भ्रष्टाचार और पद के आधिकारिक दुरुपयोग से संबंधित है, जिसकी जांच जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो कर रहा है। न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू नहीं कर सकी, क्योंकि सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह अस्वस्थ होने के कारण अदालत में पेश नहीं हो सके। सीबीआई की विशेष अदालत से पिछले महीने जमानत अर्जी खारिज होने के बाद देशमुख (73) ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
उन्होंने चिकित्सीय और गुण-दोष के आधार पर जमानत की मांग की है। देशमुख की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने जल्दी सुनवाई का आग्रह किया और कहा कि उनके मुवक्किल पिछले साल नवंबर से जेल में हैं। न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा कि वह मामले की सुनवाई दो दिसंबर को करेंगे। न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा, ‘‘यह जमानत की अर्जी है, जो चिकित्सीय और गुण-दोष के आधार पर दाखिल की गयी है। मैं पहले चिकित्सीय आधार पर सुनवाई करूंगा। अगर मैं संतुष्ट हुआ, तभी मैं गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करूंगा । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता पिछले साल नवंबर से जेल में हैं।
देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। इस साल अप्रैल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने राकांपा नेता को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। देशमुख अभी न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले महीने ईडी के मामले में देशमुख को जमानत दी थी।
हालांकि, भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत याचिका को सीबीआई की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था । उच्च न्यायालय में अपनी जमानत अर्जी में देशमुख ने कहा है कि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और पिछले करीब एक साल से जेल में बंद हैं । याचिका में यह दावा किया गया है कि विशेष अदालत ने सीबीआई के आरोप पत्र को केवल 'कट, कॉपी और पेस्ट' करते हुये उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया।
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