₹12 लाख की सुविधा शुल्क मांगने के मामलें में जांच
भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। पिछले पांच साल से संपूर्ण वेतनमान नहीं मिलने एवं बकाया भुगतान करने के एवज में बीएसए एवं तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी द्वारा कथित तौर 12 लाख रुपये की सुविधा शुल्क मांगने के मामलें में डीएम के आदेश पर एडीएम ने जांच शुरू कर दी है। एडीएम ने जहां पीड़ित अध्यापक और बीएसए का बयान दर्ज कर लिया है वहीं अब निर्वतमान वित्त एवं लेखाधिकारी को भी नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया गया है। यह मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
बता दें कि सहायक अध्यापक राकेश शर्मा का नजामाबाद उर्फ इस्लामनगर मुजफ्फराबाद जनपद सहारनपुर से विगत 23 अक्तूब्रब 2013 को कांधला ब्लाक के खिजरपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में स्थानान्तरण हुआ था। बताया जाता है कि तत्कालीन बीएसए ने विगत 19 सितंबर 2014 को विद्यालय का निरीक्षण किया था, जिसमें अनुपस्थित रहने के कारण शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था। अध्यापक का आरोप है कि आज तक उन्हें यह नहीं बताया कि उन्हें निलंबित क्यों किया गया और संपूर्ण वेतनमान का भुगतान क्यों नहीं हुआ? इस मामले को लेकर पीड़ित अध्यापक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश पर राकेश कुमार को 35400 रुपये के हिसाब से 14 माह का वेतन भुगतान कर दिया गया लेकिन अभी उनका पांच साल का वेतन बकाया चल रहा है।
अध्यापक ने बेसिक शिक्षा विभाग पर करीब 38 लाख से अधिक वेतन बकाया होने का दावा किया है। अध्यापक का यह भी आरोप है कि पांच साल का पुराना बकाया वेतन के एवज में बीएसए राहुल मिश्र एवं गत 31 अक्तूबर 2022 को सेवानिवृत्त हुए वित्त एवं लेखाधिकारी राजेन्द्र कौशिक द्वारा करीब 12 लाख रुपये सुविधा शुल्क की डिमांड की गई। इसकी शिकायत पीड़ित ने डीएम जसजीत कौर से की थी। डीएम के आदेश पर एडीएम संतोष कुमार सिंह ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पिछले दिनों अध्यापक राकेश शर्मा का लिखित बयान दर्ज किया गया था वहीं सोमवार को बीएसए राहुल शर्मा का भी बयान लिया गया है। एडीएम संतोष कुमार सिंह का कहना है कि निवर्तमान वित्त एवं लेखाधिकारी को भी बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया गया है। शीघ्र ही जांच रिपोर्ट डीएम को प्रेषित कर दी जाएगी।
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