मंहगाई व संसाधनों की कमी के कारण बढ़ रही बीमारी
इकबाल अंसारी
तिरुवनंतपुरम। एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि केरल में बढ़ती मंहगाई और संसाधनों की कमी के कारण लोगों की मानसिक बीमारी बढ़ती जा रही है। मनश्चिकित्सा और व्यवहार चिकित्सा सहयोगी सलाहकार डॉ. मिगिता डिक्रूज़ ने बताया कि 2021 में प्रकाशित एक अध्ययन में राष्ट्रीय और राज्य स्तर के जनसंख्या सर्वेक्षणों के आंकड़ों को एकत्रित किया, जिसमें 2002 में एक लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें 272 लोग मानसिक तौर पर बीमार थे और जब 2018 में दोबारा से एक लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया, तब चार सौ लोग मानसिक रोग से ग्रस्ति पाये गये।
उन्होंने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की इस साल की थीम ‘मेक मेंटल हेल्थ एंड वेलबीइंग फॉर ऑल ए ग्लोबल प्रायोरिटी’ है, जो सामाजिक अलगाव, बीमारी तथा मृत्यु का भय और कोविड-19 से जुड़ी तनावपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है। लैंसेट में एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में प्रमुख अवसाद विकार के प्रसार में 27.6 प्रतिशत और चिंता विकारों में 25.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। डॉ डिक्रूज ने कहा कि एर्नाकुलम जिले में 2021 में किए गए एक अन्य अध्ययन में लॉक डाउन के दौरान 640 प्रतिभागियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई, जिसमें 56.9 प्रतिशत अवसादग्रस्तता के लक्षण पाए गए।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और संगीत का उपयोग करना अकेलेपन का बहुत कारण है। कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मनोसामाजिक सहायता कार्यक्रम ‘ओट्टाक्कल्ला ओप्पमुंडु’ को बच्चों के लिए बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने राज्य़ के लोगों को मानसिक अवसाद से बचाने के लिए वर्षभर में एक दिन का स्मरणोत्सव की आवश्यकता पर जोर दिया।
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