'एलसीएच' के प्रेरण समारोह में शामिल हुए, रक्षामंत्री
अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी
नई दिल्ली/जोधपुर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को राजस्थान के जोधपुर में स्वदेशी रूप से विकसित पहले लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (एलसीएच) के प्रेरण समारोह में शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना में स्वदेशी रूप से विकसित पहले लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) के प्रेरण समारोह में एक ‘सर्व-धर्म’ प्रार्थना की गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना को10 स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर सौंप दिया है। इससे भारत के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। ये हेलिकॉप्टर 16000 फीट की ऊंचाई तक ऑपरेट कर सकता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा ?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज, Indian Air-force में, देश के प्रथम indigenous LCH का induction हो रहा है। प्रचंड शक्ति, प्रचंड वेग और प्रचंड प्रहार की क्षमता वाले इस LCH का induction, हमारी Air-force की capabilities में बढ़ोतरी के साथ-साथ, रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम है। अमृत काल की बेला में इस LCH का induction, देश की आजादी के शताब्दी वर्ष तक, Indian Air-force को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ Air force बनाने के आप के संकल्प को दिखाता है। साथ ही यह, शताब्दी वर्ष तक रक्षा उत्पादन क्षेत्र को पूर्ण आत्मनिर्भर बनाने के आप के संकल्प को भी दिखाता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि LCH जैसे सूरमां के induction समारोह के लिए, आदिशक्ति महादुर्गा की उपासना के पर्व नवरात्र से अच्छा समय, और राजस्थान की धरती से उपयुक्त जगह, शायद ही कोई हो सकती थी: यहां का शायद ही कोई कोना हो, जिसने हमारे देश को वीर योद्धा न दिए हों। महाराणा प्रताप से लेकर 1971 में लोंगेवाला में लड़े हमारे बहादुर जवानों के ऐसे अनगिनत किस्से हैं, जब हमारे वीर-योद्धाओं ने अपनी जान की बाजी लगा कर संघर्ष किया और अंतिम सांस तक दुश्मनों से अपने देश की रक्षा की। आजादी से लेकर अब तक भारत की संप्रभुता को सुरक्षित रखने में, Indian Air-force की बड़ी शानदार भूमिका रही है। Internal threats हों या external, war हो या peace, Indian Air-force ने सदैव अपने अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम के साथ national security को मजबूती प्रदान की है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस multi-role Light Combat Helicopter के induction के बाद, Indian Air-force की भूमिका, और अधिक प्रभावी रूप में हमारे सामने होगी। IAF ने न केवल राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी पूरा सहयोग किया है। आज LCH का induction, इस बात का प्रतीक है, कि देश जितना भरोसा Indian Air-force पर करता है, Indian Air-force भी उतना ही भरोसा स्वदेशी साजो-सामान पर करता है। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, इसकी जरूरत को गंभीरतापूर्वक अनुभव किया गया। तब से लेकर अब तक की, यानी दो दशकों की, देश की research & development का प्रतिफल है LCH. Indian Air-force में इसका शामिल होने, हमारे defence production की राह में एक important milestone है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे बताया गया, कि LCH का design और development, modern battlefield की जरूरतों के अनुरूप किया गया है। अपने developmental stages में अनेक प्रकार की testing में, इसने तमाम चुनौतियों से निपटने में अपनी योग्यता दिखाई है। LCH, दुश्मनों को चकमा देते हुए, विभिन्न प्रकार के ammunition को carry करने, और शीघ्रता से यथास्थान पर पहुंचाने में सक्षम है।यह LCH विभिन्न terrain में हमारी armed forces की जरूरतों पर पूरी तरह खरा उतरता है। ऐसे में LCH, हमारी Army और Airforce, दोनों के लिए एक ideal platform है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हालिया Ukrainian Conflict हो, या इसके पहले के भी अनेक संघर्ष हों, हमें सीख देते हैं कि heavy weapon system और platforms, जो युद्दक्षेत्र में तेज गति से मूवमेंट नहीं कर पाते हैं, उनकी capability भी कम होती है, और कई बार वे दुश्मनों के लिए easy target हो जाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत बनाए रखने के क्रम में हमारा यह हमेशा प्रयास रहता है, कि हमारी armed forces, best equipment और platforms से सुसज्जित रहें। दुनिया में geopolitical scenario कैसा भी हो, पर National security को हमेशा चौकस रखना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ, कि आने वाले समय में जल्द ही, दुनिया में military power समेत जब भी superpowers की बात होगी, तो भारत सबसे पहले गिना जाएगा। लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड में उड़ान भरने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरी उड़ान बहुत ही स्मूद और आरामदायक थी ये कारगिल से लेकर कन्याकुमारी तक कही भी उड़ान भर सकती है। ये दिन-रात और बारिश में भी उड़ान भर सकती है। इसके साथ ही इस हेलीकॉप्टर में अपने टारगेट को अटैक करने की क्षमता है।
यह हेलिकॉप्टर 180 डिग्री के कोण पर स्थिर रह कर और 360 डिग्री के कोण पर उड़ कर चार तरह के अटैक करने की ताकत रखता है। इसके यहां स्थापित होने से पश्चिमी सीमा की हवाई ताकत काफी बढ़ जाएगी। पश्चिमी सीमा पर जोधपुर सबसे पुराना व सामरिक नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण एयरबेस माना जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए इसकी तैनाती के लिए जोधपुर का चयन किया गया। रेगिस्तानी क्षेत्र में दुश्मन के टैंकों को ध्वस्त करने में यह बेहद कारगर साबित होगा।
यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है। एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है।
एलसीएच और ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव में कई समानताएं...
गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे। अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच और ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव में कई समानताएं हैं।
रात को हमला करने व आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता...
उन्होंने बताया कि इसमें कई विशेषताएं हैं, जिनमें ‘स्टील्थ’ (रडार से बचने की) खूबी के साथ ही बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली से लैस और रात को हमला करने व आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता शामिल हैं।
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