गवर्नर की गोलमेज चर्चा के दौरान विचार साझा किए
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वित्त मंत्री ने ‘संकटग्रस्त दुनिया में अवसंरचना का वित्तपोषण करना’ विषय पर गवर्नर की गोलमेज चर्चा के दौरान अपने विचार साझा किए। अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने सदस्य देशों की सहायता करने और उच्च गुणवत्ता वाला विकास वित्त प्रदान करने के लिए एआईआईबी की निरंतर प्रतिबद्धता एवं समर्पण की सराहना की। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बाह्य खतरों के बावजूद भारत की बेहतरीन लक्षित नीतियों, प्रमुख ढांचागत सुधारों और सुदृढ़ बाह्य बैलेंस शीट से भारत में आर्थिक विकास की गति को निरंतर मजबूत बनाए रखने में काफी सहायता मिली है। वित्त मंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की राह पर चल पड़ा है और इसलिए वह महामारी के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सफल रहा है।
श्रीमती सीतारमण ने भारत के डिजिटलीकरण मिशन के माध्यम से भारत द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया जिसके तहत सामाजिक सुरक्षा को सुविधाजनक बनाने और वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। वित्त मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ (या लाइफ)’ जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों का सक्रिय रूप से नेतृत्व कर रहे हैं।
वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन सभी के सार्थक प्रभाव हों और संसाधन कई क्षेत्रों में न बिखर जाएं, एआईआईबी को प्राथमिकता वाले प्रमुख क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है जिनमें शिक्षा व स्वास्थ्य, और डिजिटल अवसंरचना पर विशेष रूप से फोकस करने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता, आपदा रोधी अवसंरचना, और सामाजिक अवसंरचना शामिल हैं।
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