अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण को बढ़ाएं
अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी
नई दिल्ली/बेंगलुरू। भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से कर्नाटक के भीतर होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अब बड़ा कदम उठाते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इस स्कीम को अमलीजामा पहनाने के लिए 50 फ़ीसदी कोटे की सीमा को समाप्त करने का काम किया जा रहा है। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से संवैधानिक संशोधन के माध्यम से राज्य के भीतर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण को बढ़ाने का फैसला किया गया है। सरकार की ओर से यह फैसला जस्टिस एच एन नाग मोहनदास आयोग की उस रिपोर्ट के आधार पर लिया है। जिसमें एससी आरक्षण को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 फ़ीसदी और एसटी को दिए जाने वाले आरक्षण को 3 फ़ीसदी से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इसकी घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस और जनता दल एस के नेताओं ने भी शामिल होते हुए शिरकत की थी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एससी एसटी समुदाय को आबादी के आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है।
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