वाल्मीकि के मंदिर में माल्यार्पण व पूजा-अर्चना की
गोपीचंद
बागपत। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में रविवार को भगवान वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पट्टी मेहर स्थित भगवान वाल्मीकि के मंदिर में माल्यार्पण व पुष्प चढ़ाकर पूजा-अर्चना की एवं मिष्टान वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन की अध्यक्ष वंदना गुप्ता ने बताया कि वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन मास के दौरान पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य में अग्रदूत-कवि माना जाता है। उन्हें महाकाव्य रामायण के पहले कवि, आदि कवि के रूप में भी जाना जाता है।
वाल्मीकि को हिंदू धर्म में 'ज्ञान का सागर' भी कहा जाता है। उनका जन्म प्राचीन भारत में गंगा के किनारे हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार, राम ने सीता को वन भेजा। सीता ने ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में शरण ली, जहाँ उन्होंने जुड़वां लड़कों लव और कुश को जन्म दिया. लव और कुश वाल्मीकि के पहले शिष्य थे, जिन्हें उन्होंने रामायण की शिक्षा दी थी। इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष वंदना गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालू गुप्ता,पूजा ,प्रिया, विकास गुप्ता,प्रवीण कुमार, संजय गुप्ता , ध्रुव जैन, अनिल अरोरा, अमन जैन, ऋषभ जैन, आदित्य भारद्वाज आदि लोग मौजूद रहे।
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