जयंती: पीएम मोदी ने 'राष्ट्रीय एकता' की शपथ दिलाई
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरदार पटेल की 147वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दो अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए। एक तरफ पीएम मोदी सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 को गुजरात के केवड़िया में पहुंचे और एकता दिवस परेड में हिस्सा लेकर राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। यहां पीएम ने कहा कि दुख की घड़ी में देश एकजुट दिखाई देता है। सरकारी योजनाओं की बात करते हुए कहा कि एकता का संदेश देते हुए ये योजनाएं देश के कोने-कोने में पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे। यहां उन्होंने भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और जल चढ़ाकर उनको नमन किया। प्रधानमंत्री इसके बाद केवड़िया परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड कार्यक्रम में शामिल हुए। कई राज्यों की पुलिस फोर्स के जवानों ने राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर परेड निकाली, जिसका पीएम मोदी ने निरीक्षण किया। पीएम मोदी ने ‘आरंभ 2022’ में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रीय एकता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मोरबी पुल हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए की।
‘सरदार वल्लभभाई पटेल जैसा नेतृत्व नही होता तो क्या होता’
पीएम मोदी ने कहा, "साल 2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस को बहुत विशेष अवसर के रूप में मैं देख रहा हूं। यह वह साल है जब हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। हम नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अगर भारत के पास सरदार पटेल जैसा नेतृत्व न होता तो क्या होता? अगर 550 से ज्यादा रियासतें एकजुट न हुई होती तो क्या होता? हमारे ज्यादातर राजा रजवाड़े त्याग की पराकाष्ठा न दिखाते, तो आज हम जैसा भारत देख रहे हैं हम उसकी कल्पना न कर पाते। ये कार्य सरदार पटेल ने ही सिद्ध किए हैं।''
पीएम मोदी ने कहा कि अतीत की तरह ही भारत के उत्थान से परेशान होने वाली ताकतें आज भी मौजूद हैं। जातियों के नाम हमें लड़ाने के लिए तरह तरह के नरेटिव गढ़े जाते हैं। इतिहास को भी ऐसे पेश किया जाता हैं कि जिससे देश जुड़े नहीं और दूर हो जाएं। कई बार ये ताकत गुलामी की मानसिकता के रूप में हमारे अंदर घर कर जाती है। कई बार ये तुष्टिकरण के रूप में, कभी परिवारवाद के रूप में, कभी लालच और भ्रष्टाचार के रूप में दरवाजे तक दस्तक दे देती है। जो देश को बांटती और कमजोर करती है।
गौरतलब है कि साल 2018 में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के निर्माण के बाद से, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के उत्सव को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे आयोजनों के समान ही लाकर खड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय एकता दिवस, हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मनाया जाता है। इस दिन ‘रन फॉर यूनिटी’ यानी एक मैराथन कार्यक्रम आयोजित करने की भी प्रथा रही है।
अमित शाह ने रन फॉर यूनिटी को दिखाई हरी झंडी
इस मौके पर दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा वो कई अन्य कार्यक्रमों भी शिरकत करेंगे। इस दौड़ में अलग-अलग वर्गो के हजारों लोग शामिल हुए। वहीं अमित शाह पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे सरदार पटेल स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
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