शुक्ल-पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाएगा 'छठ' पर्व
सरस्वती उपाध्याय
आस्था के महापर्व छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल-पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पूजा का प्रारंभ 28 अक्टूबर से हो गया है। छठ का महापर्व चार दिन का होता है और यह व्रत काफी कठिन होता है। क्योंकि इस दौरान व्रती को लगभग 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखना होता है। इस व्रत में व्रती लगातार 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं। लगातार 36 घंटे तक भूखे प्यासे रहने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपनी आस्था और सेहत दोनों का ध्यान रख सकते हैं। तो आइए जानते हैं इतने कठिन व्रत को करते हुए कैसे आप दिन भर एनर्जेटिक और हेल्दी बने रह सकते हैं।
छठ व्रत करते समय बरतें ये सावधानी...
कम बातचीत करें...
छठ का व्रत रखने वाले व्यक्ति को कम से कम बातचीत करनी चाहिए। ज्यादा बात करने से शरीर की एनर्जी बर्बाद होती है और धीरे-धीरे शरीर कमजोर पड़ने लगता है। ऐसे में अपना ध्यान पूजा-पाठ में लगाएं।
गर्मी में न रहें...
व्रत रखने वाले लोगों को ऐसी जगह चुननी चाहिए, जहां खड़े होने पर उन्हें ज्यादा गर्मी न लगे। गर्मी लगने से तबीयत बिगड़ सकती है। व्रत रखने वाला व्यक्ति कोशिश करें कि वो धूप में न निकलें।
चेहरे और गले पर लगाएं बर्फ...
लंबे समय तक व्रत रखने से काफी ज्यादा प्यास लगने लगती है। इस स्थिति से बचने के लिए आप आइस क्यूब की मदद ले सकते हैं। इसके लिए एक साफ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा बांधकर उसे अपने गर्दन और चेहरे पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर में ठंडक बनी रहेगी और आपको प्यास कम लगेगी।
डॉक्टर की सलाह...
अगर आप किसी रोग से परेशान है तो छठ का व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। चिकित्सक से जांच करवाने के बाद ही आप उपवास करें। इसके अलावा उपवास के दौरान कोई परेशानी महसूस होने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें।
छठ पूजा के दौरान न करें ये गलतियां...
छठ पूजा का व्रत करने वाले व्यक्ति को बेड, गद्दा या पलंग पर नहीं सोना चाहिए। चार दिन तक व्रत करने वाले व्यक्ति को जमीन पर आसन बिछाकर ही सोने का नियम बताया गया है।
जो भी व्यक्ति व्रत करता है, उसके साथ उसके परिजन को भी तामसिक भोजन जैसे लहसुन-प्याज तक के सेवन को करने से बचना चाहिए।
छठ पूजा के प्रसाद को कोई और नहीं बना सकता, इसको केवल व्रत रखने वाले लोग ही बनाते हैं।
छठी मैया को चढ़ाने वाली कोई भी चीज झूठी और खंडित नहीं होनी चाहिए। अगर पेड़ों पर लगे फल-फूल को भी पशु-पक्षी ने झूठा किया हुआ है तो उसको भी माता को अर्पित न करें। फल-फूल हमेशा साफ-सुथरे और शुद्ध होने चाहिए।
नहाय खाय के दिन व्रती महिलाओं को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिसमें लहसुन प्याज नहीं रहता है। व्रतियों का पूरे चार दिन लहसुन, प्याज से दूर रहना चाहिए। माना जाता है कि तीज त्योहार पर ऐसा भोजन करने से व्रत की पवित्रता भंग हो जाती है।
पूजा की चीजों को छूते समय अपने हाथों को साफ करें और अन्य चीजें छूने के बाद छठ के सामानों को न छूएं।
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