मुजफ्फरनगर: वायु में प्रदूषण 258 एक्यूआई पर पहुंचा
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। जनपद में दिवाली पर हुई आतिशबाजी व हरयाणा, पंजाब व पश्चिम उत्तर प्रदेश में जलाई जा रही पराली से निकले विषेले धूंए से प्रतिदिन हवा जहरीली होती जा रही है। जिसकी वजह से एक दो दिन छोड दे तो पिछले एक हफ्ते से लोग दम धोटू हवा में सांस लेने को मजबूर है। प्रदूषण विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद भी प्रदूषण के ग्राफ में कोई कमी नहीं आ रही है। जनपद में शुक्रवार को वायु में प्रदूषण 258 एक्यूआई पर पहुंच गया है। हालांकि एक दिन पहले गुरुवार को जनपद में वायु में प्रदूषण की मात्रा 128 एक्यूआई दर्ज किया गया था। जो की बेहतर स्थिति में था। लेकिन एक बार फिर वायू में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लगी है। इसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। जिला अस्तताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। खास कर सांस के रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिसके चलते लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों हो रही है। टीबी के मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है। लगातार बढ़ रहें प्रदूषण की रोकथाम में प्रदूषण विभाग नाकामयाब रहा है। तमाम योजनाओं फैल साबित हो रही है। हालांकि बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभाग ने इन आठ दस दिनों में ताबतोड़ कार्रवाई भी की। इस दौरान पेपरमिलों का निरीक्षण किया जा रहा है। दिल्ली से भी एनजीटी की टीम ने निरीक्षण किया। बावजूद इसके प्रदूषण रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बढ़ते प्रदूषण ने विभाग की भी सांसे फूला दी है। वही विभाग द्वारा लगातर नगर में पानी का छिड़काव करा रहा है। लेकिन रोड किनारे पडे सिमेंट व बालू से उडने वाला डस्ट लोगों की आंखों का जला रहा है।
शहर में मेरठ रोड, रूडकी रोड, भोपा रोड, जानसठ रोड, शामली रोड आदि मार्गों पर भारी भीड़ रहती है। और यहां जगह-जगह बालू के ठेर लगे हुए है। जिसके चलते धूल उड़ने से वायू प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन विभाग ने अभी तक इन लोगों के लिए कई गाइडलाइन जारी नहीं की। हांलाकि गत वर्ष विभाग ने रोड किनारे सिमेंट व बालू की बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन इस बार लगातार बढ़ रहें प्रदूषण को लेकर विभाग ढूलमूल कार्रवाई कर रहा है।
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