शराब पीकर गाड़ी चलाने के खिलाफ अभियान चलाया
विमलेश यादव
भुवनेश्वर। ओडिशा में परिवहन विभाग ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के खिलाफ दो दिवसीय राज्यव्यापी अभियान चलाया, जिसमें नशे में धुत 222 चालकों को गिरफ्तार किया। राज्य परिवहन विभाग द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। विज्ञप्ति में बताया गया कि सात सितंबर से नौ सितंबर तक राज्य भर में शराब पीकर वाहन चलाने के खिलाफ अभियान चलाया गया और इस दौरान कुल 599 लोग शराब के नशे में वाहन चलाते पाए गए। प्रवर्तन कर्मचारियों ने अपराधियों के 350 वाहनों को हिरासत में लिया। कड़ी कार्रवाई में 222 नशे में धुत लोगों को अपराध के लिए हिरासत में लिया गया, जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई के लिए न्यायिक हिरासत में सौंप दिया गया। परिवहन विभाग के मुताबिक, सड़क सुरक्षा पर उच्चतम न्यायालय की समिति के निर्देशों के अनुसार 338 ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबन के लिए जब्त कर लिया गया।
कुल 455 अभियोजन रिपोर्ट (पीआर) आगे की कार्रवाई के लिए अदालतों को प्रस्तुत की गई हैं। इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन के 1568 अन्य मामलों का पता चला है और विभिन्न अपराधों के लिए कुल 1532 ई-चालान जारी किए गए हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राज्य पुलिस के साथ परिवहन विभाग ने अप्रैल में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर रोक लगाने के लिए अभियान फिर से शुरू किया। सख्त कानूनों और विनियमों के बावजूद, नशे में गाड़ी चलाना भारत में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है। विज्ञप्ति के अनुसार, ओडिशा में साल 2021 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण 246 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में कुल 79 लोगों की जान चली गई और 151 लोग घायल हो गए। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के सितंबर 2019 के संशोधन में संशोधित किया गया है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में, पहली बार अपराध करने वालों पर छह महीने तक की कैद या दस हजार रुपये तक के जुर्माने लगाया जाएगा और दूसरे अपराध में दो साल तक की जेल या 15 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
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